आठ हजार रुपये के लिए अस्पताल ने कांस्टेबल का शव देने से किया इन्कार
मृतक सौरभ ने चुनाव ड्यूटी के दौरान छुट्टी की मांग की थी लेकिन उसे छुट्टी नहीं दी गई। इससे वह और बीमार हो गया।
भागलपुर [जेएनएन]। सुल्तानगंज अंचल इंस्पेक्टर कार्यालय में बतौर कांस्टेबल तैनात मूल रूप से मुंगेर के सादरगंज निवासी सौरभ कुमार की दिल्ली के निजी अस्पताल में मौत हो गई। लोकसभा चुनाव ड्यूटी के दौरान से ही सौरभ बीमार चल रहे थे। ड्यूटी के दौरान सौरभ को बीमारी का अहसास हुआ तो उसने विभाग को पत्र लिख छुट्टी की मांग की लेकिन विभागीय अधिकारियों ने छुट्टी नहीं थी। जिसके बाद वह चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद 21 मई को भागलपुर के डॉक्टर से सलाह ली। स्वास्थ्य लाभ नहीं होने पर 28 को पटना में डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली रेफर कर दिया। दिल्ली में प्रेस इन्क्लेव मार्ग, जे पॉकेट फेज द्वितीय चेक सराय नई दिल्ली स्थित पीएसआरआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पता चला कि उसे जांडिस हो गई है। इलाज के दौरान सोमवार को उसने दम तोड़ दिया।
सौरभ के भाई ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण उनके भाई की मौत हुई है। सौरभ ने चुनाव ड्यूटी के बाद छुट्टी की मांग की थी लेकिन उसे छुट्टी नहीं दी गई। वहीं पटना से दिल्ली जाने के लिए विभाग की ओर से सहायता नहीं की गई। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज से पूर्व मृतक के परिजनों से दो लाख 20 हजार रुपये जमा कराए थे। वहीं सोमवार को सौरभ की मौत होने पर अस्पताल प्रबंधन ने शेष बचे आठ हजार के लिए शव देने से इन्कार कर दिया। सौरभ के परिजनों ने इसकी सूचना भागलपुर के वरीय प्रशासनिक अधिकारियों को दी लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। मजबूरन परिजनों ने शेष आठ हजार रुपये का किसी तरह इंतजाम किया तब जाकर अस्पताल प्रशासन ने शव को सौंपा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप