कहां गुम हो गई चंपा : मुख्यमंत्री से पुनर्जीवन की आस, जल-जीवन-हरियाली अभियान से चंपा नदी को जोडऩे की उम्मीद
चंपा नदी के पुनर्जीवन और उसके अस्तित्व को बचाने के लिए दैनिक जागरण ने कहां गुम हो गई चंपा अभियान शुरू किया तो लोगों के सकारात्मक रुख से इस मुहिम को बड़ा बल था।
भागलपुर [संजय कुमार सिंह]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल-जीवन-हरियाली यात्रा का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। जीवन को बचाने के लिए जल और हरियाली का संरक्षण करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान के तहत पुराने जल स्रोतों को जीवित किया जा रहा है। इस अभियान ने चंपा नदी के पुनर्जीवन की भी आस बढ़ा दी है।
चंपा नदी के पुनर्जीवन और उसके अस्तित्व को बचाने के लिए दैनिक जागरण ने 'कहां गुम हो गई चंपा' अभियान शुरू किया तो लोगों के सकारात्मक रुख से इस मुहिम को बड़ा बल था। जल और पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा एक सामाजिक आंदोलन के रूप में खड़ा हो गया। मुख्य सचिव दीपक कुमार और लघु सिचाई विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने भी इसका संज्ञान लिया। नतीजा, चंपा नदी के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।
चंपा की धारा सूखने से 300 गांवों पर संकट
चंपा की धारा सूखने से करीब ढाई-तीन सौ गांवों की कृषि व्यवस्था को प्रभावित हुई है। अपनी खुशबू और स्वाद के लिए दुनिया भर में मशहूर कतरनी चावल चंपा की ही देन है। यह नदी बांका जिला स्थित बेरमा गांव के पास चानन नदी से निकलकर भागलपुर में त्रिमुहानी के पास गंगा में मिलती है।
अभियान को संमर्थन देने आए थे जलपुरुष
चंपा को बचाने के लिए दैनिक जागरण की ओर चलाए जा रहे अभियान को समर्थन देने जलपुरुष राजेंद्र सिंह भी भागलपुर आए थे। पांच हजार से अधिक लोगों ने सड़क पर उतर चंपा को बचाने का संकल्प लिया था। इसमें सभी वर्ग के लोग शामिल थे।
पुनर्जीवित हो सकती है चंपा
पिछले दिनों भूविज्ञानी केजी व्यास ने चंपा नदी का जायजा लिया और रिपोर्ट बनाई। उन्होंने कहा कि यह नदी पुनर्जीवित हो सकती है। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने भी संज्ञान लेते हुए भागलपुर और बांका के जिलाधिकारी से चंपा नदी के मुद्दे पर बात की। भागलपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने विभागीय अभियंता को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।
जल-जीवन-हरियाली से जुड़ेगी चंपा
जल संसाधन मंत्री संजय झा और जिले के प्रभारी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि चंपा नदी को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ा जाएगा। विधानसभा की आंतरिक संसाधन समिति के सभापति यदुवंश प्रसाद यादव ने भी चंपा नदी का जायजा लिया। मेयर सीमा साहा ने भी सरकार को इस बाबत पत्र लिखा। वहीं, जिला परिषद में नदी के पुनर्जीवन के लिए प्रस्ताव पारित किया गया।