अब शहद की मिठास से जुड़ेगा मुंगेर, जीविका कार्यकर्ताओं की मदद से हो रहा उत्पादन Munger News
इससे महिलाओं को पांच से दस हजार रुपये महीने की आमदनी हो जाती है। इन्हें प्रोत्साहन के तौर पर जिला उद्यान कार्यालय द्वारा अनुदानित दर पर मधु बॉक्स भी उपलब्ध कराया गया है।
मुंगेर [नवीन कुमार झा]। अवैध हथियारों की फैक्ट्री से इतर अब योगनगरी मुंगेर की पहचान शहद की मिठास से भी जुड़ी है। यहां जीविका के सहयोग से लगभग 100 महिलाएं शहद उत्पादन कर रही हैं। जीविका कार्यकर्ताओं के दो समूह असरगंज और बरियारपुर प्रखंड में शहद उत्पादन के काम से जुड़े हुए हैं। असरगंज प्रखंड की चोरगांव पंयायत व बरियारपुर प्रखंड के खडिय़ा गांव में हर सीजन में दो टन शहद का उत्पादन किया जा रहा है।
इससे महिलाओं को पांच से दस हजार रुपये महीने की आमदनी हो जाती है। इन्हें प्रोत्साहन के तौर पर जिला उद्यान कार्यालय द्वारा अनुदानित दर पर मधु बॉक्स भी उपलब्ध कराया गया है। असरगंज की रंभा देवी, प्रमिला देवी, खडिय़ा गांव की प्रियंका तथा शोभा देवी ने बताया कि शहद उत्पादन करने के बाद उनके घर की आर्थिक तंगी दूर हो गई है। बच्चों की पढ़ाई बेहतर तरीके से हो रही है और थोड़ी-बहुत बचत भी हो रही है।
खास बात यह है कि इस शहद को देश की एक नामी-गिरामी कंपनी बाजार उपलब्ध करा रही है। कंपनी के अधिकारी जीविका के माध्यम से शहद उत्पादन करने वाली महिलाओं के संपर्क में भी रहते हैं, ताकि इन्हें शहद की उचित कीमत मिल सके। कंपनी द्वारा इस शहद को विदेश भी भेजा जा रहा है। जीविका डीपीएम रितेश कुमार ने बताया कि मुंगेर के शहद की अच्छी मांग है। काम में और गति लाने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है।