यहां चिकनी सड़क बन गई जानी दुश्मन, हर रोज बिखर रहा परिवार, जानिए क्या है वजह...
सुपौल में चिकनी सड़कों पर फर्राटे भरतीं गाडिय़ों लोगों के घर को हर रोज उजाड़ रही है। यातायात नियमों का सख्ती से पालन नहीं होने से वाहन चालक रफ्तार पर लगाम नहीं लगाते हैं। इससे हर रोज रोड हादसे हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता सुपौल। कोसी के इस पिछड़े इलाके में विकास की नई इबारत लिखी गई। सड़कों का जाल बिछा दिया गया। ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर के अलावा कई हाईवे कोसी के इस सुदूर इलाके से गुजरती है। उबड़-खाबड़ सड़कों पर सरकने वाली गाडिय़ां चिकनी सड़कों पर फर्राटे भरने लगी। सड़क देख भले ही जितनी प्रसन्नता लोगों में हुई, उससे अधिक सदमे का दौर आने लगा। जागरूकता के अभाव में लोग दुर्घटना के शिकार होने लगे।
कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता जब सड़क दुर्घटना की खबर सुर्खियां नहीं बनती। कभी दो बस आपस में लड़ बैठते हैं तो कभी सड़क चलते राहगीर को कोई ट्रक कुचल डालता है। कभी मोटरसाइकिल में भिड़ंत हो जाती है तो कभी मोटरसाइकिल सवार बस की चपेट में आ जाता है तो कभी मालवाहक वाहन सड़क पर पलट जाता है। नतीजा आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ ही साथ जान-माल की क्षति भी होती है। दुर्घटना के बाद ग्रामीण व आक्रोशित लोग सड़क जाम करते हैं। प्रशासन घटना स्थल पर पहुंचकर सरकारी सहायता का लाभ देता है और मान-मनौव्वल के बाद जाम समाप्त होता है।
बढ़ी दुर्घटनाएं
जबसे सिल्चर-आसाम से पोरबंदर गुजरात तक जाने वाली ईस्ट-वेस्ट-कॉरीडोर से सुपौल जिला जुड़ा तब से सुपौल जिले भी दुर्घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। ईस्ट-वेस्ट-कॉरीडोर पर अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं। जिले से एनएच 106 एवं एनएच 327 ई भी गुजरती है। इन सड़कों पर भी अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है। जिले में कई ऐसे प्वाइंट हैं जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। कोपाड़ी मोड़, कमलपुर मोड़, सरहोचिया मोड़ आदि जगहों पर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं और लोग मौत के मुंह में समाते हैं। यह तो हुई एनएच की बात। शहर के बीचोंबीच गुजरने वाली सड़कें भी सड़क दुर्घटनाओं से अछूती नहीं।
गति पर हो नियंत्रण
जहां तक सड़क दुर्घटना की बात है तो इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। सबसे पहला कारण गति पर नियंत्रण नहीं होना है। गति सीमा का बोर्ड लगे रहने के बावजूद वाहन चालक गति सीमा का उल्लंघन करते हैं। नतीजा होता है कि अक्सर दुर्घटनाएं हो जाती है। यातायात को नियंत्रित करने के लिए संकेतक आदि का अभाव भी सड़कों पर नजर आता है। अतिक्रमण भी सड़क दुर्घटना का बड़ा कारण माना जा सकता है। जगह-जगह लोग सड़क अतिक्रमित किए हुए हैं नतीजतन दुर्घटना होती रहती है।