कामेश्वर पांडेय दोहरा हत्याकांड में दो आरोपितों की जमानत अर्जी पर बहस
कामेश्वर पांडेय हत्याकांड में सोमवार को चतुर्थ एडीजे दिनेश चंद्र शर्मा की अदालत में आरोपित गोपाल भारती और रवीश कुमार की तरफ से बहस हुई। इसमें सरकारी वकील ने केस डायरी के अध्ययन के लिए समय मांगा है।
भागलपुर, जेएनएन। बिहार बार काउंसिल के को-चेयरमेन रहे वरीय अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी रेणु झा की हत्या में आरोपित दो आरोपितों की जमानत अर्जी पर बहस हुई। सोमवार को चतुर्थ एडीजे दिनेश चंद्र शर्मा की अदालत में आरोपित गोपाल भारती और रवीश कुमार की तरफ से बहस हुई। गोपाल की तरफ से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता मुरारी कुमार चटर्जी जबकि रवीश कुमार की तरफ से राजीव कुमार सिंह ने बहस किया। सरकार की तरफ से उपस्थित अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने अदालत से केस डायरी के अध्ययन के लिए समय मांग लिया। न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष की बहस के लिए 28 नवंबर की तिथि तय कर दी है।
पांच मार्च 2020 को दोनों की कर दी गई थी हत्या
बता दें कि पांच मार्च 2020 को कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी की लाल बाग स्थित आवास पर बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। हत्याकांड को अंजाम उनके किराएदार गोपाल भारती ने राजकुमार सिंह, रविश कुमार और गब्बर पासवान की मदद से की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद गोपाल सहयोगियों के साथ अधिवक्ता की सियाज कार, नकदी आदि भी लेकर भाग निकला था। उक्त हत्याकांड में स्वयं डीआइजी सुजीत कुमार ने घटनास्थल का मुआयना कर एक घंटे से अधिक समय रहकर तफ्तीश को मुकाम पर ला दिया था।
दारोगा पुत्र रवीश कुमार की गिरफ्तारी, खून सने कपड़े और हथियार बरामदगी के बाद एसएसपी आशीष भारती ने बिना समय जाया किये पुलिस की टीम किशनगंज भेजी थी। वहां अधिवक्ता की कार बरामद कर ली गई थी। फिर टीम ने कोलकाता से गोपाल भारती और राजकुमार सिंह को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई थी। मामले में अभी तक आरोपित रणधीर कुमार उर्फ गब्बर पासवान फरार चल रहा है। इसके लिए जांचकर्ता दारोगा भानु प्रताप सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अर्जी दे रखी है।