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सृजन घोटाला : नीलामपत्र वाद की सुनवाई पांच नवंबर को Bhagalpur News

घोटाले की वसूली के लिए संबंधित बैंकों पर मनी शूट दायर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिला कल्याण पदाधिकारी ने विभाग से पांच लाख रुपये की मांग की है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 09:09 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 09:09 AM (IST)
सृजन घोटाला : नीलामपत्र वाद की सुनवाई पांच नवंबर को Bhagalpur News
सृजन घोटाला : नीलामपत्र वाद की सुनवाई पांच नवंबर को Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। कल्याण विभाग ने 241 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में पांच नवंबर को डीडीसी के यहां निलामपत्र वाद की सुनवाई होगी। तीन बैंक की चार शाखाओं के विरुद्ध कल्याण विभाग की ओर से निलामपत्र वाद दायर किया गया था। बैंक ऑफ इंडिया की सबौर और भागलपुर और भागलपुर शाखा, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन के खिलाफ निलामपत्र वाद दायर किया गया था। इसके पूर्व एक अक्टूबर को सुनवाई होनी थी। इस दौरान सिर्फ इंडियन बैंक के प्रतिनिधि के आने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।

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इधर, घोटाले की वसूली के लिए संबंधित बैंकों पर मनी शूट दायर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिला कल्याण पदाधिकारी ने विभाग से पांच लाख रुपये की मांग की है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति विभाग से ढाई लाख और पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग विभाग से ढाई लाख रुपये की मांग की गई है। राशि मिल जाने के बाद मनी सूट किया जाएगा।

सूद का आकलन कर रहा भूअर्जन विभाग

जिला भूअर्जन विभाग बैंकों पर मनी सूट दायर करने के पूर्व सूद का आकलन कराने में जुट गया है। विभाग का कहना है कि अगर बैंक में राशि जमा रहती तो विभाग को सूद के रूप में कितने रुपये का फायदा होता। सूद का आकलन कराने के बाद विभाग की ओर से मनी सूट दायर किया जाएगा।

भागलपुर के तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह पर करीब 300 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। सृजन घोटाला उजागर होने के मामले में भागलपुर कोतवाली थाना में आठ अगस्त 2017 को प्राथमिकी संख्या 540/ 2017 दर्ज की गई थी। बाद में इसे मामल को जांच के लिए सीबीआइ ने अपने अधीन कर प्राथमिकी संख्या 13ए/2017 दर्ज की। इस मामले में सीबीआइ ने छह के खिलाफ छह नवंबर 2017 को आरोप पत्र दायर किया। 2014-15 में जिला भू-अर्जन कार्यालय से जारी चेकों के माध्यम से जिला भू-अर्जन कार्यालय के खाते से धोखाधड़ी कर सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में 270 करोड़ 3 लाख रुपये भेज दिया गया। फिर इसी वर्ष सरकारी खाते से 15.29 करोड़ रुपये का गबन हुआ। 2015-16 में सरकार का जो बड़ौदा बैंक में खाता था उससे 10.15 करोड़ रुपये गबन किया गया।

इसके बाद इंडियन बैंक में स्थित सरकारी खाते से वर्ष 2017 में अलग से 76.44 करोड़ रुपये का गबन हुआ। सीबीआई ने सभी चेकों पर हस्ताक्षर अभियुक्त राजीव रंजन सिंह का ही पाया। जमीन अधिग्रहण के लिए मिले रुपयों से किया खेल सीबीआइ के अनुसार केंद्र सरकार के अनेक विभाग और राज्य सरकार के अनेक विभागों को भागलपुर जिले में अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए जमीन की जरूरत थी। इसके लिए सरकार को जमीन अधिग्रहण करना था।

सारी त्रुटियां दूर कर वकील के पास फिर से भेजी गईं फाइलें

सृजन घोटाला में जिला नजारत के बैंक खाते से हुई 220 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में प्रशासन सिविल कोर्ट में मनी सूट दायर करेगा। इसके पूर्व सरकारी वकील के पास फाइल भेजी गई है। दो बार पूर्व में भी फाइल भेजी गई थी। लेकिन उसमें त्रुटि बताकर फाइल को लौटा दिया गया था। नजारत शाखा द्वारा सरकारी वकील को कैश बुक और बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराया गया। इसके पूर्व एफआइआर से संबंधित कागजात उपलब्ध कराए गए थे। उसमें त्रुटि रहने के कारण फाइल को लौटा दिया गया था। अब फाइल तौर पर सारी त्रुटि को दूर कर फाइल एक बार फिर वकील के पास भेजी गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक पर मनी सूट दायर किया जाएगा।

12 करोड़ की अवैध निकासी का मामला सबसे पहले आया था सामने : नजारत से सबसे पहले 12 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ही सृजन घोटाला उजागर हुआ था। इसमें प्रशासन की ओर से राशि की निकासी के लिए जब चेक बैंक भेजा गया तो लगातार तीन बार बाउंस हो गया। इसके बाद ही तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने इसकी जांच के लिए टीम गठित की थी। इसके बाद जांच में लगातार गड़बड़ी सामने आती गई और इस पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें कैशबुक में अनियमितता और उसे अपडेट नहीं रखने के मामले में पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र यादव भी फंसे और फिर आगे सीबीआइ की जांच में वह फंस गया।


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