डिजाइन और रंगाई में आत्मनिर्भर होंगे हैंडलूम बुनकर, भागलपुर में बनेगा सामान्य सुविधा केंद्र, कटोरिया में बन रहा डाईंग हाउस
भागलपुर के बुनकरों का और कौशल विकास किया जाएगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। बांका व भागलपुर जिलों के 10 कलस्टरों के करीब 4800 बुनकरों को आधारभूत संरचना के लिए संसाधन उपलब्ध कराया जाना है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। ग्लोबल बाजार में डिजाइन व रंगाई की आधुनिक तकनीक में पिछड़ रहे हैंडलूम बुनकर अब आत्मनिर्भर होंगे। इसके लिए मेगा कलस्टर से जुड़े बांका व भागलपुर जिलों के 10 कलस्टरों के करीब 4800 बुनकरों को आधारभूत संरचना के लिए संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने फंड भी उपलब्ध करा दिया है। बुनकरों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
अप्रैल तक बन जाएगा डिजाइन स्टूडियो
भागलपुर के पंखाटोली में 79 लाख रुपये की लागत से डिजाइन स्टूडियो का निर्माण कराया जा रहा है। इस भवन का कार्य अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद बाजार की मांग के अनुरूप नई-नई डिजाइन बुनकरों को उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके बाद परंपरागत और आधुनिक डिजाइन को मिलाकर बेहतर कपड़े तैयार किए जाएंगे। भवन में नए डिजाइन के लाइब्रेरी की सुविधा रहेगी। देश-विदेश के एक्सपोर्टर व व्यवसायी स्टूडियो में आकर डिजाइन देखकर आर्डर भी दे सकेंगे। इसमें कंप्यूटर, प्रिंटिंग मशीन, प्यानो कार्ड आदि की व्यवस्था होगी।
सामान्य सुविधा केंद्र की होगी व्यवस्था
पंखाटोली स्थित भागलपुर क्षेत्रीय हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लिमिटेड कार्यालय परिसर में 45 लाख की लागत से सामान्य सुविधा केंद्र भवन निर्माण कराया जाएगा। इसका कार्य आयडा द्वारा कराया जाएगा। सामान्य सुविधा केंद्र भवन में बुनकरों को प्रशिक्षण देने की सुविधा रहेगी। साथ ही रंगाई, बुनाई, डिजाइन समेत बाजार की समस्या का निदान किया जाएगा। यह भवन हैंडलूम, कैबिनेट डाई, जिगर डाई, वाशिंग मशीन, प्रेस मशीन, वारपिंग मशीन, जेनरेटर सेट आदि संसाधनों से लैस होगा।
कटोरिया में डाईंग हाउस का निर्माण
बांका के कटोरिया में काफी संख्या में लोग कोकून उत्पादन करते हैं। सिल्क धागा भी तैयार किया जाता है। यहां के बुनकरों को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए 72 लाख रुपये की लागत से डाईंग हाउस का निर्माण कराया जा रहा है। कलस्टर डेवलपमेंट एक्सयूटिव मो. अशराफुल होदा ने बताया कि धागा रंगाई के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अभी रंगाई के लिए भागलपुर आदि क्षेत्रों पर निर्भर रहना पड़ता है। डाईंग हाउस में धागों की रंगाई का खर्च भी कम पड़ेगा। साथ ही समय की भी बचत होगी।