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ग्रीन खगडिय़ा को लगा पंख, भाने लगी हरियाली, तेजी से जिले में बढ़ रहा है हरित आवरण

खगड़िया जिला में अब हरियाली को पंख लग गया है। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहित मनरेगा एवं जीविका के प्रयास से जिले में हरित आवरण का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। सड़क एवं रेलवे किनारे भी पौधारोपण किया जा रहा है। किसान भी उत्‍साहित है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 01:47 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 01:47 PM (IST)
ग्रीन खगडिय़ा को लगा पंख, भाने लगी हरियाली, तेजी से जिले में बढ़ रहा है हरित आवरण
किसानों को पौधारोपण को लेकर किया जा रहा प्रोत्साहित

खगडिय़ा, [ निर्भय] । साल-दर-साल बाढ़ की विभीषिका झेल रहे फरकिया में हरित आवरण बढ़ाने की लगातार कोशिश जारी है। ग्रीन खगडिय़ा के संकल्प को अब पंख लगा है। वन विभाग, मनरेगा, जीविका और जल जीवन हरियाली से खगडिय़ा की धरती हरा-भरा दिखने लगी है।एनएच-31, एनएच-107, महेशखूंट-अगुवानी पथ समेत ग्रामीण सड़कों, बांध-तटबंधों और रेलवे लाइन के किनारे-किनारे पेड़-पौधों की कतारें नजर आने लगी है। पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन की दिशा में ठोस प्रयास शुरू है।

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विगत वर्ष किया गया सघन पौधारोपण

वर्ष 2020-21 में जिले में बड़ी संख्या में पौधारोपण हुआ। मनरेगा से 76 हजार पौधे लगे।जीविका की ओर से एक लाख 70 हजार पौधे लगाए गए। कृषि वानिकी अंतर्गत 18 हजार तीन सौ पौधे किसानों को दिए गए। वन विभाग की ओर से 20 हजार छह सौ पौधे जगह-जगह लगाए गए। इसके तहत बिशनपुर-शुंभा तक सड़क किनारे 10 हजार, जीएन तटबंध किनारे पांच हजार पौधारोपण किया गया। जबकि अलौली प्रखंड में भी तीन हजार पौधारोपण हुआ।

नववर्ष में 54 हजार से अधिक पौधारोपण का है लक्ष्‍य

2021-22 में वन विभाग की ओर से 54 हजार पौधे लगाने का तत्कालीन लक्ष्य है। ये पौधे रेलवे लाइन के किनारे लगाए जाएंगे। खगडिय़ा-उमेशनगर, खगडिय़ा-मानसी और महेशखूंट से गौछारी के बीच रेल लाइन के किनारे पौधारोपण होगा। ये तत्कालीन लक्ष्य है। अभी पूर्ण लक्ष्य आना बाकी है।

एक लाख 80 हजार पौधे हैं तैयार

खगडिय़ा के तीन सरकारी नर्सरी में हजारों पौधे तैयार है।वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि एनएचआइ नर्सरी, खगडिय़ा ब्लॉक नर्सरी और अलौली नर्सरी में अभी एक लाख 80 हजार पौधे तैयार है।इतने ही पौधे और तैयार किए जाएंगे, ताकि 2021-22 में किसी भी लक्ष्य को पूरा किया जा सके। नर्सरी में मुख्य रूप से मोहगनी, अर्जुन, जामुन, पीपल, पाकड़, जल गम्हार के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। खगडिय़ा बाढ़ ग्रस्त इलाका है और ये पेड़-पौधे पानी को सहता है। जल गम्हार तो बाढ़ के पानी में भी बढ़ता है। यह यहां के अनुकूल है, इसलिए इसके पौधे भी पर्याप्त संख्या में तैयार किए जा रहे हैं।

क्‍या कहते हैं वनों के क्षेत्र पदाधिकारी

वनों के क्षेत्र पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि खगडिय़ा में हरित आवरण बढ़ाने को लेकर वन विभाग लगातार प्रयासरत है। वित्तीय वर्ष 2021-22 का पूर्ण लक्ष्य आना बाकी है। जिले में हरित आवरण का क्षेत्र बढ़ेगा। इसके लिए पौधारोपण को लेकर तैयारी जारी है।


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