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मशरूम से जुड़ी तीन योजनाओं पर मिलेगा अनुदान, किसान खेती कर होंगे मालामाल

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार अब मशरूम की तीन योजनाओं पर 50 फीसद अनुदान देगी। इसकी खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण लेना होगा। इस अनुदानित योजना का लाभ लेने के लिए किसान पहले आओ पहले पाओं के तर्ज पर आवेदन कर सकते है।

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 03:58 PM (IST)
मशरूम से जुड़ी तीन योजनाओं पर मिलेगा अनुदान, किसान खेती कर होंगे मालामाल
मशरूम की खेती के लिए 27.50 लाख रुपये तक अनुदान पा सकते हैं किसान, लेना होगा प्रशिक्षण

सुपौल, जेएनएन। मशरूम उत्पादन से जुड़े किसानों के लिए खुशखबरी है। इस खेती से जुड़े किसानों को भी सरकार अनुदान देगी। इससे पहले सरकार मुफ्त प्रशिक्षण के अलावा मशरूम स्पॉन पर ही किसानों को अनुदान देती थी, परंतु सरकार ने पहली बार चालू वित्तीय वर्ष से मशरूम से जुड़ी तीन योजनाओं पर अनुदान देने का फैसला लिया है। सरकार ने मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जिन तीन योजनाओं पर अनुदान देने का फैसला लिया है उसमें मशरूम उत्पादन इकाई, मशरूम स्पॉन इकाई तथा मशरूम कंपोस्ट उत्पादन इकाई शामिल है। इन तीनों योजनाओं की लागत 55 लाख है जिस पर किसानों को 50 फ़ीसद यानी 27.50 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। अगर किसान अलग-अलग योजनाओं को लेना चाहें तो इसकी भी स्वतंत्रता है। किसान किसी भी योजना का चयन कर सकते हैं। 

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तीन योजनाओं पर देय है अनुदान की राशि

मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जो तीन योजनाएं चलाई हैं, इस पर लागत का 50 फ़ीसद अनुदान किसानों को दिया जाएगा। मशरूम उत्पादन इकाई की लागत 20 लाख है। इस पर 10 लाख अनुदान है। इसी तरह मशरूम स्पॉन इकाई की लागत 15 लाख है इस पर 7.5 लाख रुपये का अनुदान है। मशरूम कंपोस्ट उत्पादन इकाई की लागत 20 लाख है इस पर 10 लाख अनुदान दिया जाएगा।

जिला उद्यान कार्यालय में देना होगा आवेदन

सरकार ने मशरूम उत्पादन के लिए जो तीन योजनाएं संचालित की है इसका लाभ लेने के लिए किसानों को प्रशिक्षित होना आवश्यक होगा। प्रशिक्षित किसान ही इस योजना के हकदार माने जाएंगे किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान आवेदन के साथ जमीन की अद्यतन रसीद, किसान पंजीयन रसीद, आधार कार्ड तथा अपना फोटो देना अनिवार्य होगा।

चार - छह कट़ठा से एक एकड़ तक जमीन की होगी आवश्यकता

जिला उद्यान कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग क्षेत्रफल की जमीन की आवश्यकता होगी। मशरूम उत्पादन इकाई के लिए 04 से 05 क_ा जमीन की आवश्यकता पड़ती है। मशरूम स्पॉन उत्पादन के लिए 04 से छह कट़ठा जमीन होना आवश्यक है, इसी तरह मशरूम कंपोस्ट उत्पादन इकाई को शुरू करने के लिए एक एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है।

क्‍या कहते है जिला उद्यान पदाधिकारी

जिला उद्यान पदाधिकारी आकाश कुमार ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में मशरूम से जुड़ी तीन योजनाओं की शुरुआत की गई है। सभी योजनाओं पर 50 फीसद तक अनुदान देने का प्रावधान है। लक्ष्य निर्धारित नहीं है इसलिए अधिक से अधिक किसान आवेदन कर इसका लाभ ले सकते हैं। फिलहाल किसानों से आवेदन लिया जा रहा है।


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