अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों का बहुरेंगे दिन, 10 रूपये के दर से सरकार उपलब्ध कराएगी चूजा
रूरल बैकयार्ड पॉल्ट्री डेपलपमेंट योजना के तहत सरकार ने इस योजना के तहत पिछड़े कोसी क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। प्रथम चरण में चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना से छह सौ अनुसूचित जाति परिवार के लोगों को आच्छादित किया जाएगा।
सहरसा [कुंदन कुमार] । अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों की गरीबी दूर करने के लिए सरकार अंडा उत्पादन के जरिए जीविकोपार्जन का अवसर प्रदान करेगी। पिछड़े कोसी क्षेत्र में इस योजना पर विशेष बल दिया गया है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) इन लाभुकों न सिर्फ महज दस रूपये की दर से 28 दिन का तैयार चूजा उपलब्ध कराया जाएगा, बल्कि नाईट शेल्टर और वाटर फीडर के लिए अनुदान भी दिया जाएगा। चूजा के मुर्गी बनने के बाद अंडा उत्पादन शुरू होगा, जो इनलोगों की जीविका का मुख्य साधन बन जाएगा। इससे उन्हें गरीबी दूर करने और परिवार की परवरिश का बेहतर अवसर प्राप्त होगा।
प्रथम चरण में जिले के छह सौ लोगों को मिलेगी सुविधा
सरकार ने इस योजना के तहत पिछड़े कोसी क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। प्रथम चरण में चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना से छह सौ अनुसूचित जाति परिवार के लोगों को आच्छादित किए जाने की योजना है। इन सभी लाभुकों को रूरल बैकयार्ड पॉल्ट्री डेपलपमेंट योजना के तहत दस रूपये की दर से 28 दिन का तैयार 45-45 चूजा उपलब्ध कराया जाएगा। यह चूजा छह महीने के अंदर अंडा देना प्रारंभ करेगा। इसके लिए लाभुकों के चयन की प्रक्रिया पशुपालन विभाग द्वारा प्रारंभ किया जा रहा है।
एक वर्ष में एक मुर्गी से होगा 240 अंडा का उत्पादन
इस योजना के तहत चूजा के अलावा पशुपालन विभाग द्वारा नाईट शेल्टर और वाटर फीडर से प्रति लाभुक 15 सौ रूपये का अनुदान भी दिया जाएगा। 28 दिन का चूजा अगले पांच महीने में अंडा उत्पादन के लिए तैयार होगा, जिससे प्रतिवर्ष 240 अंडा का उत्पादन होगा। इससे संबंधित मुर्गी पालकों की आमदनी बढ़ेगी।
क्या कहते हैं सहायक कुक्कुट पदाधिकारी
सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ दिवाकर ने कहा कि गरीब कोसी क्षेत्र के बीपीएलधारी अनुसूचित जाति परिवार के लिए सरकार की यह योजना वरदान साबित हो सकती है। सरकारी खर्च पर ही गरीबों को जीविकोपार्जन का बेहतर अवसर प्रदान होगा। इसके लिए विभाग लाभुकों के चयन में लगा है।