समूह में अब बुनकर करेंगे कारोबार, दस लाख रुपये के साथ हैंडलूम और धागा भी कराएगी सरकार, इस तरह ले सकते हैं लाभ
सिल्क सिटी के बुनकरों अब समूह में कारोबार करेंगे। समूह में सिल्क का कारोबार करने वाले प्रवासियों को उद्योग विभाग दस लाख रुपये का अनुदान देगी। साथ ही हैंडलूम व धागा भी उपलब्ध कराएगी। इसके लिए विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है।
भागलपुर [नवनीत मिश्र]। अगर कोई प्रवासी सिल्क का कारोबार करना चाह रहे हैं तो सरकार हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। शर्त है कि इसके लिए समूह का गठन करना होगा। समूह में दस प्रवासी और दस स्थानीय लोगों का होना आवश्यक है। ऐसे लोगों को उद्योग विभाग खोज रही है। उद्योग विभाग पर दबाव बनाने के लिए जिला प्रशासन ने डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय को जवाबदेही दी है। इसकी लगातार मॉनीटङ्क्षरग की जा रही है। समूह को मान्यता दिलाने के लिए विभाग की ओर पहल की जाएगी।
प्रारंभ में मिलेगा दस लाख
समूह में सिल्क का कारोबार करने वाले प्रवासियों को उद्योग विभाग दस लाख रुपये का अनुदान देगी। साथ ही हैंडलूम व धागा भी उपलब्ध कराएगी। और भी जो जरूरत होगी, वह भी उद्योग विभाग की ओर से दिया जाएगा। समूह के स्तर से जो कपड़ा तैयार होगा, उसके लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। समूह के काम को देखते हुए आगे भी उद्योग विभाग की ओर से मदद की जाएगी। नवप्रवर्तन योजना के तहत सरकार प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करा रही है। डीएम सुब्रत कुमार सेन खुद इसकी मॉनीटङ्क्षरग कर रहे हैं। साथ ही डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय को रोज की रोज प्रगति की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
तीन समूह को उपलब्ध कराया रोजगार
उद्योग विभाग की ओर से तीन प्रवासियों के समूह को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मु. मोहसीन अंसारी के समूह को रेडिमेड कपड़ों को तैयार करने के लिए ऋण दिया गया है। जमशेद हक वाले समूह को भी रेडिमेड कपड़े के लिए ऋण दिया गया है। उषा वर्मा के समूह को सैनेटरी पैड तैयार करने के लिए ऋण दिया गया है। इनका कारोबार चल रहा है। विभाग की ओर से बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास तेज कर दिया गया है। स्कूल आदि से संपर्क किया जा रहा है।
बिहपुर का प्रदीप लगाएगा प्रोसेसिंग प्लांट
बिहपुर के बभनगामा गांव में मधुपालन व इसका प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए 27 प्रवासी श्रमिकों का समूह बनाकर कलस्टर बनाया गया है। दिल्ली में मजदूरी करने वाले प्रवासी प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व मधु तैयार कर रहे हैं। उद्योग विभाग के नवप्रवर्तन योजना के तहत आधुनिक मशीन उपलब्ध कराया जाएगा। पांच लाख रुपये की लागत से मशीन की खरीदारी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जबकि पांच लाख रुपये कार्यशील पूंजी व्यवसाय के लिए उपलब्ध कराने की योजना है। इस मशीन से ब्रांडेड कंपनी की तर्ज पर मधु का शोधन और पैकेजिंग की व्यवस्था होगी। यह जिले के पहला प्लांट होगा। शोधन के बाद मधु को खादी माल और स्थानीय बाजार में बिक्री की जाएगी। उद्योग विभाग प्लांट के दस लाख रुपये उपलब्ध कराएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। फिलहाल 20 प्रवासी श्रमिकों को 10-10 मधुमक्खी पालन के लिए बक्सा भी उपलब्ध कराया है।
इस संबंध में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को कलस्टर बनाकर स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। तीन समूह को ऋण उपलब्ध कराया गया है। सिल्क के कारोबार के लिए प्रवासियों की खोज की जा रही है।
वहीं, डीआरडीए के निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा कि प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग की ओर से ऋण दिया जा रहा है। संस्था को पंजीकृत भी कराया जाएगा। बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा।