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किसानों के लिए खुशखबरी, कम पानी में भी होगी भरपूर सिंचाई, सरकार दे रही 90 फीसद अनुदान, जानिए लखीसराय में क्या है स्थिति

किसानों को सिंचाई के लिए पानी की किल्‍लत से नहीं जूझना होगा। कम पानी में भी वे फसलों की अच्‍छी से सिंचाई कर सकते हैं। इसके लिए उन्‍हें ड्रिप और मिनी स्‍प्रींकलर लगाना होगा। इसके लिए सरकार अनुदान भी दे रही है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 05:52 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 05:52 PM (IST)
किसानों के लिए खुशखबरी, कम पानी में भी होगी भरपूर सिंचाई, सरकार दे रही 90 फीसद अनुदान, जानिए लखीसराय में क्या है स्थिति
ड्रिप और मिनी स्‍प्रींकलर से कम पानी में भी बेहतर सिंचाई हो सकती है।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। घटते जलस्तर से उत्पन्न सिंचाई की समस्या से अब किसान परेशान नहीं होंगे। सरकार ने कम पानी में फसलों की अच्छी सिंचाई करने की व्यवस्था की है। इसको लेकर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत (सूक्ष्म सिंचाई योजना) ड्रीप सिंचाई पद्धति एवं पोर्टेबल स्प्रींकलर सिंचाई पद्धति बनाई है। ड्रीप सिंचाई पद्धति पर लागत मूल्य का 90 फीसद एवं पोर्टेबल स्प्रींकलर सिंचाई पद्धति पर 75 फीसद अनुदान मिलेगा। जिले के 104 हेक्टेयर खेतों की ड्रीप सिंचाई पद्धति से एवं 39 हेक्टेयर खेतों की पोर्टेबल स्प्रींकलर सिंचाई पद्धति से सिंचाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेने की पात्रता

किसान के पास स्वयं का अथवा सात वर्षों की लीज भूमि होना जरूरी है। स्वयं की भूमि होने की स्थिति में जमीन का एलपीसी होना जरूरी है। लीज का भूमि होने पर एक हजार रुपये के स्टांप पर लीजदाता एवं लीज लेने वाले व्यक्ति का प्रथम श्रेणी के दंडाधिकारी के समक्ष लिया गया शपथ पत्र जरूरी है। ड्रीप सिंचाई का कम से कम 0.5 एकड़ एवं अधिक से अधिक 12.5 एकड़ रकवा के लिए लाभ लिया जा सकता है। स्प्रिंकलर सिंचाई योजना का कम से कम एक एकड़ एवं अधिक से अधिक पांच एकड़ जमीन के लिए लाभ लिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया

कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर निबंधित किसान ही सिंचाई पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में जमीन संबंधी पूरी जानकारी होना जरूरी है। आवेदन के साथ स्व अभिप्रमाणित एलपीसी की छायाप्रति भी अपलोड करना है। सामान प्राप्त करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर तीन कंपनियों का विकल्प देना है। अनुदान की राशि का स्वयं अथवा कंपनी को भुगतान करने संबंधी विकल्प देना है।

लाभार्थी के चयन की प्रक्रिया

पहले आओ पहले पाओ के आधार पर साफ्टवेयर के माध्यम से लाभार्थी का चयन किया जाएगा। चयनित लाभार्थियों का आवेदन किसान द्वारा चुने गए प्रथम कंपनी के पास स्वत: स्थानांतरित हो जाएगा। कंपनी में प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आवेदन स्वत: संबंधित प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के पास स्थानांतरित हो जाएगा।

प्रति एकड़ लागत व किसानों को मिलने वाली अनुदान की राशि, ड्रीप

लागत - 57 हजार 946 रुपये।

अनुदान - 52 हजार 151 रुपये।

मिनी स्प्रींकलर

लागत - 47 हजार 567 रुपये।

अनुदान - 42 हजार 810 रुपये।

पोर्टेबल स्प्रींकलर

लागत - 11 हजार 365 रुपये।

अनुदान - आठ हजार 524 रुपये।

पोर्टेबल रेनगन

लागत - 15 हजार 876 रुपये।

अनुदान - 11 हजार 907 रुपये।

फसलवार अनुशंसित सिंचाई पद्धति

ड्रीप - पपीता, केला, आम, लीची, अमरूद, सब्जी, अनार, गन्ना, लत्तीदार फसल, अनानास, प्याज आदि।

मिनी स्प्रींकलर - आलू, प्याज, गेहूं, धान, चाय, सब्जी आदि।

पोर्टेबुल स्प्रींकलर - दलहन, तेलहन, धान, गेहूं, सब्जी आदि।

पोर्टेबल रेलगन - फलदार वृक्ष, मक्का, गन्ना आदि।

ड्रीप सिंचाई पद्धति एवं पोर्टेबल स्प्रींकलर सिंचाई पद्धति से सीधे फसलों की जड़ों तक पानी पहुंचता है। इससे फसलों की अच्छी सिंचाई होती है। इससे साठ फीसद पानी की बचत होगी। किसान ड्रीप सिंचाई पद्धति एवं पोर्टेबल स्प्रींकलर सिंचाई पद्धति का लाभ उठा सकते हैं। -निरंजन कुमार, सहायक निदेशक उद्यान, लखीसराय।


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