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मुंगेर में सक्रिय है गर्दन में गोली मारने वाला गिरोह, इस तरह टारगेट पर अचूक निशाना साधते हैं अपराधी

मुंगेर में गर्दन में गोली मारने वाला गिरोह सक्रिय है। हाल में घटी कुछेक प्रमुख घटना में यह ट्रेंड सामने आया है कि अपराधी ने गर्दन पर एक गोली मारी। इसके बाद ये लोग मौके से फरार हो जाते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 02:28 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 02:28 PM (IST)
मुंगेर में गर्दन में गोली मारने वाला गिरोह सक्रिय है।

 जागरण संवाददाता, मुंगेर। अंडर वल्र्ड पर बनी ङ्क्षहदी फिल्म सत्या का एक गाना खूब मशहूर हुआ- गोली मार भेजे में...। मुंगेर में इस गीत के मायने बदल गए हैं। मुंगेर में अपराध का नया ट्रेंड सामने आया है। मुंगेर में अपराधी अब सीधे गर्दन पर गोली मारते हैं। हाल में घटी कुछेक प्रमुख घटना में यह ट्रेंड सामने आया है कि अपराधी ने गर्दन पर एक गोली मारी। अपराधियों का विश्वास है कि गर्दन पर एक गोली मारो और सामने वाले का गेव ओवर (मौत होना तय)।

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हालांकि, कुछ मामलों में जख्मी की जान बच गई। लेकिन, कई लोगों की मौत भी हो गई। घटना के बाद पुलिस नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दे रही है। लेकिन, अपराध के इस नए ट्रेंड को देख डीआइजी शफी उल हक का मानना है कि मुंगेर में अपराधियों का कोई गिरोह सक्रिय है। जिसके अपराध करने के तरीका में गर्दन पर गोली मारना शामिल है। अब डीआइजी ने इस गिरोह को चिह्नित कर उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि मुंगेर के अपराधी दूसरे जिला में भी जा कर इसी ट्रेंड में घटना को अंजाम दे रहे हैं।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता को मारी गई गर्दन पर गोली

27 जनवरी 2021 को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और जमालपुर कॉलेज जमालपुर के प्रोफेसर अजफर शमशी को कॉलेज गेट पर ही अपराधियों ने गोली मार दी। तीन-चार की संख्या में पहुंचे अपराधियों ने पहली गोली गर्दन पर ही मारी। वहीं, दूसरी गोली पेट में लगी। प्रो. शमशी को इलाज के लिए पटना रेफर किया गया। इलाज के बाद उनकी जान बच गई।

अधिवक्ता मंजर अली को भी गर्दन पर मारी गोली

27 मार्च को अपराधियों ने किला गेट से बाहर निकलते ही अधिवक्ता मंजर अली को गोली मार कर जख्मी कर दिया। अपराधियों ने मंजर के गर्दन पर ही गोली मारी। मंजर की जान भी बच गई। इस मामले में नामजद सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हालांकि, नामजद के घटना स्थल पर नहीं होने के सबूत उनके स्वजन वरीय अधिकारी को सौंप चुके हैं।

बिहारी यादव की मारी गोली, हुई मौत

14 मई 2020 को संग्रामपुर थाना क्षेत्र में अपराधियों ने बिहारी यादव की गोली मार कर हत्या कर दी। अपराधियों ने बिहारी यादव के गर्दन पर एक गोली मारी और उसकी मौत हो गई।

मोनिका के बांह में लगी गोली, बच गई जान

असरगंज में 17 जनवरी 2021 को अज्ञात अपराधियों ने बंधन बैंक की महिला कर्मी मोनिका पर गोली चलाई। अपराधियों ने मोनिका पर ही एक ही गोली चलाई, जो उसके बायें बांह में लगी। इस घटना में अपराधियों का ट्रेंड अन्य घटनाओं से मिलता जुलता ही था। सामने से आ रहे बाइक सवार को पिस्तौल निकालते शायद बैंक कर्मी ने देख लिया हो, इस कारण बचने की कोशिश के दौरान गोली उसके गर्दन पर नहीं लग कर बांह में जा लगी। इस मामले में अभी तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

लखीसराय के बैंक कर्मी के भी गर्दन पर लगी गोली, हुई मौत

मुंगेर के अपराधी मुंगेर के अलावा आसपास के जिलों में भी पहुंच कर घटना को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन दूसरे जिला में भी अपराध का समान ट्रेंड ही रहता है। लखीसराय जिला में बीते 18 मार्च को अपराधियों ने नंदलालपुर ढाला के समीप बैंक आफ बड़ौदा के कर्मी देवऋषि को गोली मार दी। अपराधियों ने बैंक कर्मी के गर्दन पर एक गोली मारी और उसकी मौत हो गई। मामले की जांच के दौरान घटना में मुंगेर के अपराधी के शामिल होने की बात सामने आ रही है।

क्या कहते हैं चिकित्सक

मुंगेर के प्रसिद्ध सर्जन डॉ. सुनील कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि गर्दन पर गोली लगने के बाद बचने की संभावना काफी कम रह जाती है। गोली दो तरीके से नुकसान पहुंचाती है। एक तो गोली जिधर से गुजरती है, उधर नुकसान पहुंचाती है। सबसे अधिक खतरनाक यह होता है कि गोली के चारों ओर इनर्जी निकलती है। यह अधिक नुकसान पहुंचाती है। गर्दन में मानव लाइफ के लिए महत्वपूर्ण तीन अंग होते हैं।

ट्रेकिया: श्वांस नली को ट्रेकिया कहते हैं। श्वास नली के क्षतिग्रस्त होने पर व्यक्ति की मौत होने की आशंका बढ़ जाती है।

स्पाइनल कोड : स्पाइनल कोड गर्दन होते हुए मस्तिष्क तक जाती है। अगर स्पाइनल कोड क्षतिग्रस्त हो जाएगा, तो मनुष्य का हाथ पैर भी काम करना बंद कर देगा। वह भाग भी नहीं सकेगा। वहीं, ब्रेन स्ट्रोक से उसकी मौत हो सकती है।

ग्रेट वेस्ल्स : गर्दन में मोटी-मोटी नसें होती है। यह नसें मस्तिष्क और आंख से जुड़ी होती है। गर्दन में गोली लगने से मोटी नसों के क्षतिग्रस्त होने पर अत्यधिक रक्तश्राव के कारण लोगों की मौत हो जाती है।

बोले डीआइजी

कुछ घटनाओं के सूक्ष्म विश्लेषण के बाद यह बातें सामने आई कि सभी घटना में किसी एक ही अपराधी गिरोह के हाथ होने की संभावना है। क्योंकि, सभी में मोड आफ आपरेंटिस (अपराध का तरीका) एक जैसा ही है। इस ङ्क्षबदु पर पुलिस जांच कर रही है।

शफी उल हक, डीआइजी, मुंगेर


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