माननीयों के लेटर पैड पर हो रहा VIP कोटे का खेल, जानिए रेलवे की ये कहानी
इन दिनों में सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नौकरशाहों के फर्जी लेटर पैड पर वीआइपी कोटे में रेलवे टिकट बुक कराने का खेल चल रहा है। क्या है मामला, जानिए इस खबर में।
By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 04:47 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 06:01 PM (IST)
भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर से खुलने वाली ट्रेनों में जरूरतमंदों और कोटा के अंतर्गत आने वाले लोगों की भी टिकटें कंफर्म नहीं हो रहीं हैं। इन दिनों में सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नौकरशाहों के फर्जी लेटर पैड पर हेड-क्वार्टर से रेलवे में टिकट बुक कराने का खेल चल रहा है। शहर में कुछ लोग सांसद और पूर्व सांसद के लेटर हैड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हैरत इस बात कि है कि इस खेल से खुद सांसद, पूर्व सांसद और माननीय भी अनजान हैं, लेकिन उनके खास लोग लेटर हैड का दुरुपयोग कर टिकटें कंफर्म कराकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इससे रेल अधिकारी भी परेशान हैं। कुछ सप्ताह पहले इस तरह का खुलासा मुजफ्फरपुर में हो चुका है।
दरअसल, रेलवे की ओर से ट्रेनों में कुछ बर्थ वीआइपी कोटे में बुक कराने की छूट है। इसका लाभ कैंसर पीडि़त, मंत्री, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, फ्रीडम फाइटर को मिलता है। लेकिन इन दिनों भागलपुर में सांसद और विधायक का पैड पर खुद हस्ताक्षर कर टिकट कंफर्म कराने के फैक्स मंडल मुख्यालय किए जा रहे हैं।
प्रमुख टिकट एजेंट कर रहे काम
शहर में दो से तीन आइआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट हैं। ये लोग वेटिंग टिकट लेकर लेटर पैड पर पीएनआर को मंडल कार्यालय भेजते हैं। फिर, टिकट कंफर्म होने के बाद यात्रियों से मोटी रकम वसूल करते हैं। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों के साथ रहने वाले नुमाइंदे भी लेटर पैड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
लेटर हैड के साथ आधार भी भेजने का नियम
किसी मंत्री, सांसद या विधायक के पैड पर टिकट कंफर्म कराने के लिए संबंधित यात्री का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर भी साथ में भेजने का प्रावधान हैं। पर, इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। न इस बात पर मंडल के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही निगरानी विभाग।
हैरत इस बात कि है कि इस खेल से खुद सांसद, पूर्व सांसद और माननीय भी अनजान हैं, लेकिन उनके खास लोग लेटर हैड का दुरुपयोग कर टिकटें कंफर्म कराकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। इससे रेल अधिकारी भी परेशान हैं। कुछ सप्ताह पहले इस तरह का खुलासा मुजफ्फरपुर में हो चुका है।
दरअसल, रेलवे की ओर से ट्रेनों में कुछ बर्थ वीआइपी कोटे में बुक कराने की छूट है। इसका लाभ कैंसर पीडि़त, मंत्री, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, फ्रीडम फाइटर को मिलता है। लेकिन इन दिनों भागलपुर में सांसद और विधायक का पैड पर खुद हस्ताक्षर कर टिकट कंफर्म कराने के फैक्स मंडल मुख्यालय किए जा रहे हैं।
प्रमुख टिकट एजेंट कर रहे काम
शहर में दो से तीन आइआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट हैं। ये लोग वेटिंग टिकट लेकर लेटर पैड पर पीएनआर को मंडल कार्यालय भेजते हैं। फिर, टिकट कंफर्म होने के बाद यात्रियों से मोटी रकम वसूल करते हैं। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों के साथ रहने वाले नुमाइंदे भी लेटर पैड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
लेटर हैड के साथ आधार भी भेजने का नियम
किसी मंत्री, सांसद या विधायक के पैड पर टिकट कंफर्म कराने के लिए संबंधित यात्री का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर भी साथ में भेजने का प्रावधान हैं। पर, इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। न इस बात पर मंडल के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही निगरानी विभाग।
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