Move to Jagran APP

फ्रांस और अमेरिका पहुंचेगा बिहार के इस जिले का गंधराज नींबू, जानिए... इसकी खासियत

मुंबई की कंपनी ने किया नींबू खरीदने का कांट्रैक्ट। कैंसर के मरीजों के लिए लाभदायक है यह नींबू। फ्रांस और अमेरिका पहुंचेगा पूर्णिया का गंधराज नींबू। गंधराज नींबू के रस और छिलके को कैंसर के मरीजों के लिए लाभदायक माना जाता है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 10:54 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:54 AM (IST)
फ्रांस और अमेरिका पहुंचेगा बिहार के इस जिले का गंधराज नींबू, जानिए... इसकी खासियत
पूर्णिया से हर साल 50 हजार टन नींबू खरीदा जाएगा।

पूर्णिया [राजीव कुमार]। रामनगर गांव के समर शैल नेचुरल फॉर्म की इकाई 'वन्या' ने खास गंधराज नींबू की बिक्री के लिए मुंबई की संस्था ब्रिंग इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया है। इस कंपनी के माध्यम से पूर्णिया से हर साल 50 हजार टन नींबू खरीदा जाएगा। कंपनी इस नींबू को फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी, हॉलैंड व दुबई सहित कई देशों के बाजार में भेजेगी। गंधराज नींबू के रस और छिलके को कैंसर के मरीजों के लिए लाभदायक माना जाता है।

prime article banner

रामनगर गांव में हो रही प्राकृतिक खेती से आकर्षित होकर ब्रिंग इंटीग्रेटेड लाजिस्टिक कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट नानक सिंह हंस मुंबई से पूर्णिया पहुंचे। उन्होंने चार दिनों तक समर शैल नेचुरल फॉर्म के मालिक हिमकर मिश्रा की खेती का जायजा लिया। आगे के लिए महत्वपूर्ण कार्ययोजना भी बनाई। प्राकृतिक उत्पादों-उपादान को लेकर एकीकृत और समेकित कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर काम करने का निर्णय लिया गया। स्थानीय विशेषताओं पर आधारित पर्यटन, सीमांचल की प्रकृति और प्राचीनता को लेकर विविध कार्यों को बढ़ावा देने का प्रयास करने का भी निर्णय लिया गया।

नानक सिंह हंस ने बताया कि उनके काम से पूर्णिया में एविएशन और खासकर ट्रासंपोर्टिग एविएशन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि समर शैल नेचुरल पार्क में तैयार गंधराज नींबू के अलावा गुलाबी मिर्च, लाल अमरू द व हल्दी को भी देश के विभिन्न भागों में उपलब्ध कराया जाएगा। दोनों संस्थानों के हाथ मिलाने से पूर्णिया नॉर्थ-ईस्ट के प्राकृतिक उत्पादों के बड़े हब के रूप में अपनी पहचान बना सकेगा। हिमकर मिश्र ने बताया कि प्राकृतिक उत्पादन और इसके विस्तारण के प्रति जापानी कृषि दार्शनिक फूकवोका की प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों पर दोनों संस्थाएं भविष्य में काम करेंगी।

बांग्लादेश के रंगपुर से आया है गंधराज : गंधराज नींबू बांग्लादेश के रंगपुर से आया है। इस कारण इस नींबू का दूसरा नाम रंगपुरा नींबू भी है। भारत के असम एवं बंगाल में भी इसकी खेती होती है। हिमकर मिश्रा के फॉर्म में गंधराज नींबू के एक लाख पौधे हैं। इस बार इसके 50 हजार और पौधे लगाए जा रहे हैं।

इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत : पूर्णिया के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मार्कंडेय ने बताया कि गंधराज नींबू कैंसर के मरीजों के लाभदायक है। इसमें अच्छी गुणवत्ता वाला विटामिन सी पाया जाता है। इसके छिलके में भी एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं। इस कारण यह शरीर के इम्यून सिस्टम को काफी तेजी से मजबूत करता है। इसका तेल भी गुणकारी होता है। सामान्य नींबू बाजार में पांच से 10 रुपये जोड़ा बिक जाता है, लेकिन यह नींबू 60 से 80 रुपये जोड़ा बिकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.