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सहरसा के इस गांव में कहर बरपा रहा कैंसर, 48 पीड़ित में 39 की मौत-वजह भी जानें

बिहार के सहरसा के एक पंचायत के पांच गांवों में कैंसर ने कहर ढाया हुआ है। एक दर्जन से ज्‍यादा पीडि़त जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। अबतक उच्च स्तरीय जांच टीम नहीं पहुंची है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 09:44 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:36 PM (IST)
सहरसा के इस गांव में कहर बरपा रहा कैंसर, 48 पीड़ित में 39 की मौत-वजह भी जानें
सहरसा के इस गांव में कहर बरपा रहा कैंसर, 48 पीड़ित में 39 की मौत-वजह भी जानें

सहरसा [सुशील झा]। सहरसा जिले के सत्तरकटैया प्रखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर सत्तर पंचायत कैंसर की चपेट में आ गई है। वहां ढाई साल के अंदर इस बीमारी से 39 लोगों की मौत हो चुकी हैं। जबकि 14 अन्य लोग इस बीमारी से पीडि़त होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। मरने वालों में अधिकतर लीवर कैंसर से पीडि़त थे। कुछ लोग मुंह के कैंसर, ट्यूमर कैंसर, ब्लड कैंसर, गले के कैंसर, जांघ कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर आदि से भी जान से हाथ धो बैठे हैं। कुछ महिलाओं की ब्रेस्ट कैंसर से जान गई। कैंसर से लगातार हो रही मौत के कारण पंचायत के लोग दहशत में भरे हुए हैं। चिकित्सक यहां इस असाध्य बीमारी के फैलने का कारण अशुद्ध जल बता रहे हैं। पर उनका कहना है कि जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का पता लग पाएगा। लेकिन अबतक इसकी जांच नहीं होने से तमाम लोगों का जीवन असुरक्षित बना हुआ है।

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ग्रामीणों ने बताया कि यह बीमारी इतनी तेजी से फैलती है कि रोगी को संभलने तक का मौका नहीं मिलता है। सहरवा गांव के धर्मी यादव को बुखार हुआ था, परिजनों ने उन्हें सहरसा के चिकित्सकों से दिखाया। यहां जांच हुई कुछ दिनों तक  दवा खिलाई गई। फिर यहां से उन्हें पटना रेफर कर दिया गया। वहां जांच के बाद उन्हें चौथी स्टेज का लिवर सिरोसिस बताया  गया। महीने भर के अंदर उनकी मौत हो गई। इसी गांव के महावीर यादव भी लीवर सिरोसिस से पीडि़त होकर काल के गाल में समा गए। गांव के ही यशोदा देवी एवं तेजनारायण यादव की मौत लीवर केंसर से ही हो गई। जबकि हाल ही में दो फुटबॉलर मुकेश स्वर्णकार एवं कुमार गौतम कि मौत का कारण भी लीवर कैंसर ही बताया गया। गांव के अवध यादव के मुंह में छाला  हुआ। छाला घाव में बदल गया। समान रूप से स्थानीय डाक्टरों से इलाज चलता रहा। रोग के विकराल होने के बाद उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। वहां जांच में माउथ कैंसर बता कर डॉक्टर ने जवाब दे दिया। गांव आने के करीब एक सप्ताह बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। इसी तरह सहरवा के ही हीरा यादव की जांच में घाव हुआ। धीरे धीरे वह छाती और मुंह तक फैल गया। स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने पटना एवं हरिद्वार के आयुर्वेदिक चिकित्सकों से इलाज कराया। लेकिन आठ माह पूर्व उस बीमारी से हार कर वे चल बसे। वहीं छेदी यादव की मौत प्रोस्टेट कैंसर से हो गई व ललन यादव ब्लड कैंसर का शिकार हो गये। छह माह पूर्व इसी पंचायत के मेनहा निवासी उपेन्द्र यादव की भी मौत लीवर कैंसर से हो गई थी। इसी गांव के दिलीप यादव मुंह के केंसर से पीडि़त हैं। वे मुंबई स्थित अस्पताल में इसका इलाज करा रहे हैं। जबकि सहरवा गांव के रामनंदन यादव तथा कई अन्य लीवर सिरोसिस से पीडि़त हैं।

 

ग्रामीणों ने चिकित्सकों की उच्च स्तरीय टीम से जांच कराने की लगाई गुहार

सत्तर पंचायत के सहरवा समेत अन्य गांवं कैंसर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। दिन प्रतिदिन महामारी का रूप धारण करती इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रदेश जदयू नेता किशोर कुमार ङ्क्षसह, पूर्व पार्षद प्रवीण आनंद , राजद नेता सह पूर्व पार्षद विजेन्द्र यादव एवं प्रखंड व्यापार मंडल के अध्यक्ष राहुल कुमार ने राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजा हैं। उन्होंने यहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए राज्य एवं केंद्र के उच्च स्तरीय चिकित्सकों की संयुक्त टीम द्वारा जांच करवाने का आग्रह किया है।

नहीं मिलती है सरकारी मदद

आर्थिक स्थिति से जूझ रहे कैंसर पीड़ित कर्ज या अपनी जमीन बेच इलाज करने पर मजबूर हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे मेनहा निवासी कैंसर पीड़ित फुलिया देवी, सत्तर निवासी रुबी देवी, सुनिता देवी, कटैया निवासी मुन्ना साह की मौत समुचित इलाज नहीं हो पाने के कारण बीते तीन माह के अंदर हो गई। इन पीड़ितों के परिजन मजदूरी कर किसी तरह जीवन यापन करते हैं। ऐसे मे इनके समक्ष इलाज करवाना बड़ी समस्या थी।

सीएस डा. अवधेश कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना से पांच लाख तक के इलाज के लिए कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। इस कार्ड से कैंसर रोगी अपना इलाज सरकारी व निजी संस्थानों में करा सकते हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय आरोग्य निधि से गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले कैंसर रोगियों को वित्तीय सहायता दिया जाता है। इसके अंतर्गत ऐसे लोगों के सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों, संस्थानों और सरकारी अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था है। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता एक मुश्त अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि संबंधित कैंसर अस्पताल द्वारा मांग की जाती है और उस अस्पताल को ही राशि दी जाती है, जहां रोगी का इलाज चल रहा हो।

जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि गरीबों को आयुष्मान भारत का कार्ड पर ही कैंसर के ईलाज की सुविधा है। अलग से जिला प्रशासन को मदद करने का प्रावधान नहीं है। मेरी जानकारी में मामला आने पर सरकारी अस्पताल में ईलाज का निर्देश दिया जाएगा। वहां जो सुविधा है वह जरूर उपलब्ध कराया जाएगा।

कैंसर रोगी रेलवे में सफर करने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र है। उनका किराया मुफ्त है। परिचर या सहायक को द्वितीय श्रेणी के किराये का केवल 25 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है। यह रियायत निकटतम गृहनगर स्टेशन से कैंसर अस्पताल कैंसर संस्थान की यात्रा और वापस आने के लिये लागू है।

सत्तर पंचायत के विभिन्न गांवों में ढाई वर्षों के अंदर कैंसर से हुई इनकी मौत

1.धर्मी यादव - 75 वर्ष (सहरबा) लीवर कैंसर

2.यशोधा देवी - 48 (सहरबा ) लीवर कैंसर

3.ठाकुर यादव - 60 (सहरबा) लीवर कैंसर

4.अवध यादव - 55 (सहरबा) माउथ कैंसर

5.छेदी यादव -  50 (सहरबा) लीवर कैंसर

6.छेदी यादव - 68 (सहरबा) प्रोस्टेट कैंसर

7.उपेंद्र यादव - 70 (मेनहा) लीवर कैंसर

8.सत्यनारायण यादव - 50 (मेनहा) लीवर कैंसर

9.तेजनारायण यादव - 45 (मेनहा) लीवर कैंसर

10.महावीर यादव - 48 (मेनहा) लीवर कैंसर

11.राम सकल यादव - 53 (मेनहा) माउथ कैंसर

12.राजेंद्र यादव - 55 (खादीपुर) माउथ कैंसर

13.अमरेंद्र यादव - 45 (खादीपुर) लीवर कैंसर

14.हीरा यादव - 48 (खोनहा) जांघ , पेट , छाती

15.सुरेश यादव - 45 (खोनहा) लीवर कैंसर

16.बलो यादव - 38 (खोनहा) लीवर कैंसर

17.सूरज साह - 42 (खोनहा) लीवर कैंसर

18.ललन राय - 44 (सत्तर)  लीवर कैंसर

19.राजकिशोर साह - 42 (सत्तर) जांघ कैंसर

20.मुकेश सोनी - 26(सत्तर) लीवर कैंसर

21.दुर्बल चौपाल - 50 (सत्तर) माउथ कैंसर

22.आरती देवी - 20 (सत्तर) ङ्क्षपड कोष

23.देवकी देवी - 50 (सत्तर) लीवर कैंसर

24.सत्तार मियां - 58 (सत्तर)  ब्लड कैंसर

25.कलमेश्वरी यादव - 50 (सत्तर) लीवर कैंसर

26.विष्णुदेव यादव - 65 (सत्तर)  लीवर कैंसर

27.सतीश यादव - 44 (सत्तर)  लीवर कैंसर

28.थारू यादव - 56 (सत्तर)  लीवर कैंसर

29.महेश्वर यादव - 55(सत्तर)  लीवर कैंसर

30.रीता देवी - 29 (सत्तर)  ब्रेस्ट कैंसर

31.विक्रम साह - 25 (कटैया) लीवर कैंसर

32.रेशमा देवी - 58 (कटैया) लीवर कैंसर

33.गानो देवी - 62 (कटैया) माउथ कैंसर

34.सुभाष यादव - 35 (खादीपुर) लीवर कैंसर

35.शिवनारायण यादव - 50 (खादीपुर) लीवर कैंसर

36.कल्याणी देवी - 55 (सत्तर)  लीवर कैंसर

37.सिकंदर यादव - 57 (सत्तर) लीवर कैंसर

38.सुबुधलाल यादव - 60 (सत्तर) गला कैंसर

39.प्रेम शर्मा - 48 (कटैया) माउथ कैंसर

कैंसर से पीडि़त पंचायत के लोग

1.रामनंदन यादव - 54 (सहरबा) लीवर कैंसर

2.दिलीप यादव - 42 (मेनहा) माउथ कैंसर

3.भूपेन यादव - 40 (मेनहा) माउथ कैंसर

4.विनो सादा - 45 (मेनहा) माउथ कैंसर

5.सीता देवी - 45 (मेनहा ) लीवर कैंसर

6.भूलिया देवी - 46 (मेनहा) लीवर कैंसर

7.राधा देवी - 38 (सत्तर)  ट््यूमर कैंसर

8.पुनिता देवी - 38 (सत्तर) लीवर कैंसर

9.रूबी देवी - 34 (सत्तर) ब्रेस्ट कैंसर

10.गायत्री देवी - 40 (खादीपुर) लीवर कैंसर

11.गीता देवी - 44 (कटैया) लीवर कैंसर

12.मुन्ना कुमार - 34 (कटैया) लीवर कैंसर

13.भूपेंद्र यादव - 48 (सत्तर) लीवर कैंसर

14.बद्री ठाकुर - 40 (कटैया) ब्रेन ट््यूमर)

सत्तर पंचायत के सहरवा समेत अन्य गांवों में कैंसर रोग से अत्यधिक लोगों के पीडि़त होने की बात सामने आई है। प्रथम  दृष्टया पानी के कारण बीमारी होने की संभावना दिख रही है। लेकिन जांच के बाद ही सही कारणों का पता चल सकेगा। - डॉ. दीपक कुमार , पीएचसी, पंचगछिया।


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