झंडापुर तिहरे हत्याकांड मामले में चार को उम्रकैद, 2017 में एक ही परिवार के तीन लोगों की हुई थी हत्या Bhagalpur News
न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 302 में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 4 पॉक्सो एक्ट में भी चारो अभियुक्तों को उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।
भागलपुर [जेएनएन]। पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने झंडापुर तिहरे हत्याकांड में चार अभियुक्तों को उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। जिन अभियुक्तों को सजा सुनाई गई उनमें बलराम राय उर्फ बाले राय, मोहन सिंह, कन्हैया झा उर्फ रोहित कुमार और मुहम्मद महबूब शामिल हैं। न्यायाधीश ने हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, 4 पॉक्सो एक्ट और साजिश रचने में बुधवार को सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 302 में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 4 पॉक्सो एक्ट में भी चारो अभियुक्तों को उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। यहां तक की वारदात की साजिश रचने और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम में भी उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। न्यायाधीश ने जानलेवा हमले में सात साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना। धारा 148 और 456 में एक-एक साल की कठोर सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में सभी सजाएं साथ चलाए जाने की बात कही है। फैसले के अनुसार उम्रकैद पाए चारों अभियुक्तों को शरीर से प्राण छूटने तक जेल में ही कैद रहना होगा। सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने कुल 14 लोगों की गवाही कराई और अभियोजन को मुकाम पर पहुंचाया।
भाई ने दर्ज कराया था मामला बाद में बहन ने खोला राज : तिहरे हत्याकांड की पहली प्राथमिकी जिंदा बचे उस महादलित परिवार के बेटे ने दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दरिंदों ने 25 नवंबर 2017 की रात घर के प्रमुख सदस्य 55 वर्षीय पिता को मार डाला था। फिर 50 वर्षीय मां को मारा। घर में मौजूद 13 वर्षीय बहन और एक 12 वर्षीय भाई को भी धारदार हथियार से मारना चाहा। मौके पर पिता और मां ने दम तोड़ दिया था। जख्मी हालत में भाई और बहन बचे थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था जहां उपचार के क्रम में छोटे भाई ने भी दम तोड़ दिया था। लगभग एक माह के उपचार में जख्मी छोटी बहन को होश आया तो उसने एसपी के समक्ष जो बयान दिया था उससे मुकदमे में नया मोड़ आ गया। उसके बयान पर यह जानकारी सामने आई कि हत्या के पूर्व सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था। इस जानकारी बाद मुकदमे में पॉक्सो एक्ट भी जुड़ गया था।
झंडापुर में पुलिस ने पीडि़त के घर की सुरक्षा बढ़ाई
बिहपुर प्रखंड के झंडापुर में दो वर्ष पूर्व हुए तिहरे हत्याकांड मामले में चार आरोपितों को बुधवार को कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने पीडि़त परिवार व उसके घर की सुरक्षा और कड़ी कर दी है। इस दिशा में बुधवार को ओपी प्रभारी पंकज कुमार ने प्रतिनियुक्त जवानों को जरूरी दिशा निर्देश दिया। वहीं पीडि़त पक्ष ने इस फैसले को निराशजनक बताया। पीडि़त परिवार के सदस्यों समेत पूरे महादलित टोले के लोगों का कहना था कि 25 नवंबर 2017 की रात हुई क्रूर घटना के दोषियों को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए, ताकि औरों को इस सजा से कड़ा सबक मिले।
बता दें कि इस मामले को लेकर दर्ज हुए प्राथमिकी में नामजद झंडापुर के बलराम उर्फ बाले राय, कन्हैया झा, मु. महबूबा, मोहन ङ्क्षसह व दयालपुर के अमन झा की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि मामले के दो नामजद झंडापुर का सालो ङ्क्षसह उर्फ संजीव व सद्दाम मंसूरी अब भी फरार है। बुधवार को कोर्ट ने मामले के चार आरोपित झंडापुर के बलराम उर्फ बाले राय, कन्हैया झा, मु.महबूबा, मोहन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है। वहीं पीडि़त परिवार अभी भी न सिर्फ उस हादसे से बल्कि अब भी आरोपितों के पक्ष द्वारा किसी अनहोनी की घटना को अंजाम देने की आशंका से सहमा हुआ भी है।
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