Bihar Agriculture News Update: किसानों को खेती के टिप्स देंगे विदेशी, उत्पादन में टॉप पर होगा बिहार
Bihar Agriculture News Update खेती पूरे देश में हो रही है पर बिहार में उत्पादन बढ़ाने को BAU ने किसानों से जुड़कर मोबाइल हब बनाने की तैयारी की है। किसानों को विदेशी टिप्स देंगे।
भागलपुर, ललन तिवारी। खेती तो पूरे देश में हो रही है, लेकिन बिहार में उत्पादन बढ़ाने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने किसानों से जुड़कर समय पर सही सलाह देने के लिए मोबाइल मैसेज हब बनाने की तैयारी कर ली है। पंजाब सहित देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में उत्पादन बढ़ाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। मसलन, हाल में कृषि क्षेत्र में हुए सर्वे में पता चला है कि बिहार के किसान पंजाब के किसानों से ज्यादा उर्वरक अपने खेतों में डालते हैैं। बावजूद पंजाब से उपज कम बिहार में होती है।
सही जानकारी नहीं मिल पाती किसानों को
सर्वे में यह भी पता चला कि बिहार के किसानों को सही जानकारी नहीं मिल पाती है, जिसकी वजह से उत्पादन कम हो रहा है। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद बीएयू ने सबसे पहले जीविका (बिहार रूरल लाइवलिहुड प्रोजेक्ट) को जोड़ा फिर दो विदेशी फिलिपिंस और मैक्सिको की कंपनी को जोड़ा। दोनों विदेशी कंपनी कृषि क्षेत्र में काम कर रही है। इन सभी को एक प्लेटफाॅर्म पर लाने का उद्देश्य था कि समय से बिहार के किसानों को फोन से सारी जानकारी मिल सकेगी। किसानों को इनके जरिए मैसेज भी जाएगा साथ ही किसान इनसे सीधे भी बात कर सकेंगे।
प्रयोग सफल होने पर पूरे देश में होगा लागू
हालांकि बीएयू पहले भी कई संचार माध्यम से किसानों को जानकारी देता रहा है, लेकिन उस प्रसार का ज्यादा फायदा किसान नहीं उठा पा रहे थे। तीनों के प्लेटफाॅर्म पर आने के बाद इसका फायदा ज्यादा किसानों को होगा। यदि यह प्रयोग सफल हो गया तो पूरे देश यह सिस्टम लागू हो सकता है।
फिलहाल किसानों मिलेगी जानकारी
अभी धान रोपनी का समय है किसान के रोपनी के समय खेत में कितना पानी रहना चाहिए। रोपनी के बाद पानी को खेत से कब निकालना चाहिए। खरपतवार नियंत्रण में कौन दवा का प्रयोग करना चाहिए। पारंपरिक विधि से एक बार कमौनी करना चाहिए। जिससे फसल को ज्यादा ऑक्सीजन मिल सके। रबी में पोटाश और फास्फोरस डाला गया हो तो वह खरीफ की सीजन में कितना काम करेगा। जैसी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। ताकि किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करके अपनी फसल का उत्पादन ज्यादा कर सके। हमेशा किसानों को छोटे छोटे मैसेज के जरिए एडवाइजरी भी मिलेगी।
कहते हैं कुलपति
कई संस्थानों को एक साथ जोड़ कर बड़ा नेटवर्क बनाया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को मैसेज पहुंचाया जा सके। मैसेज से किसान ज्ञान वद्र्धन कर बेहतर किसानी कर सकेंगे। जिससे उनकी आय बढ़ेगी।
डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति बीएयू सबौर