नदियों में पानी घटने से तेज हुआ कटाव, बांध के कई बिंदुओं पर बना दबाव
Flood भागलपुर सहित आसपास के जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। हालांकि नदियों के जलस्तर में कमी आई है। इसके बावजूद बांध पर कटाव हो रहा है।
भागलपुर, जेएनएन। पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में नदियों में पानी कम हो रहा है। इससे कटाव तेज हो गया है। बाढ़ का खतरा कुछ दिनों के लिए टला है। सभी छोटी-बड़ी नदियां शांत हैं। बारिश के रुकने से नदी किनारे बसे गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है।
खगडिय़ा में कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी और बागमती के जलस्तर में कमी आई है। दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से ऊपर हैं। सुपौल में कोसी के जलस्तर में भारी गिरावट से नदी की आक्रामकता बढ़ गई है। कोसी के नेपाल प्रभाग में एक व भारतीय प्रभाग के पांच बिंदुओं पर भीषण दबाव बन गया है। नेपाल प्रभाग के पूर्वी बाहोत्थान बांध के 26.88 किमी पर नदी कटाव कर रही है। मुख्य अभियंता, वीरपुर के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के नदी के गिरते जलस्तर के कारण भारतीय प्रभाग के पश्चिमी कोसी तटबंध के भारदह से नीचे 26.60 किमी स्थित डायवर्सन ओवरटॉप के कारण बाधित हो गया। बांध के 9.00 से 20.40 किमी के बीच दबाव बन जाने से यहां यातायात ठप हो गया। घोघरडीहा से नीचे 26.100, 36.200 एवं 42.500 किमी पर जलस्तर में कमी के कारण क्षरण का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी तरह सिकरहट्टा मझारी लो बांध तथा डगमारा मार्जिनल बांध पर भी दबाव नदी ने बना रखा है। नदी का जलस्राव बुधवार दिन में दो बजे बराहक्षेत्र में 78,800 क्यूसेक एवं बराज पर 1,21,965 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया।
मधेपुरा में कोसी के उपधार के जलस्तर में बढ़ोतरी से फुलौत व आलमगनगर के गंगापुर में पानी पहुंच चुका है। अररिया जिले में भी नूना, बकरा, रतवा, परमान, कनकई आदि नदियों के जलस्तर में कमी आने से कटाव बढ़ा है। किशनगंज में महानंदा, मेंची, कनकई समेत सभी नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है। विगत 24 घंटे में महानंदा 1.30 मीटर, मेंची 96 सेमी व कनकई 70 सेमी घटी है। कटिहार में महानंदा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे के दौरान चार से आठ सेमी तक की कमी दर्ज की गई है। महानंदा खतरे के निशान से ऊपर है। कई गांवों में महानंदा का पानी फैल गया है। गंगा व कोसी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। दोनों नदियां चेतावनी के स्तर से ऊपर बह रही हैं। पूर्णिया में भी नदियों का जलस्तर कम हुआ है और कटाव तेज हुआ है।