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पूर्व बिहार, सीमांचल और कोसी में बाढ़, उफान पर गंगा, सड़कों पर पानी, रेल परिचालन भी ठप

पूर्व बिहार सीमांचल और कोसी में बाढ़ का कहर जारी है। गंगा उफान पर है। इस कारण भागलपुर-अकबरनगर सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है। कई गांव बाढ़ के पानी में डूबे पलायन कर रहे लोग। भागलपुर में सड़क पर बह रहा है बाढ़ का पानी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 06:30 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 06:30 PM (IST)
पूर्व बिहार, सीमांचल और कोसी में बाढ़, उफान पर गंगा, सड़कों पर पानी, रेल परिचालन भी ठप
भागलपुर में एनएच पर बढ़ रहा पानी।

आनलाइन डेस्क, भागलपुर। नदियों में पानी बढ़ रहा है। गंगा उफान पर है। इस कारण भागलपुर-अकबरनगर सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है। सबौर इलाके में भी सड़क पर पानी बह रहा है। जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर भी शनिवार से ट्रेनों का परिचालन ठप है। कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से कई लोग पानी के बीच किसी तरह रह रहे हैं तो कई पलायन कर गए हैं।

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मुंगेर जिले में गंगा पूरे उफान पर है। हर तरफ तबाही दिख रही है। ग्रामीण इलाकों के बाद शहरी इलाकों में भी गंगा का पानी प्रवेश कर गया है। लोग घरों की छतों पर कैद हो गए हैं। बंगाली टोला, छोटी केलाबारी, बेलन बाजार, चुआबाग, खानका, लल्लू पोखर, लाल दरवाजा सहित कई मुहल्लों में पानी प्रवेश कर गया है। हजरतगंज रोड कटघर, गंगानगर, चंडिका स्थान सहित कई जगहों पर बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोग सड़कों पर रहने पहुंच गए। पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 12 सेमी बढ़ गया है। रेलवे पुल पर पानी का दबाव कम नहीं होने से लगभग 60 घंटे से जमालपुर-भागलपुर के बीच रेल परिचालन बाधित है।

खगडिय़ा में गंगा खारा धार स्लूस गेट के पास अपने उच्चतम जलस्तर से 18 सेमी ऊपर बह रही है। गंगा और बूढ़ी गंडक पर बने बांध-तटबंधों पर जगह-जगह बाढ़ के पानी का दबाव है। सीपेज से अफरा-तफरी मची हुई है। गोगरी-नारायणपुर तटबंध के दुधैला के पास रविवार को पाइङ्क्षपग के कारण तटबंध धंसने लगा। इससे अफरातफरी मच गई। स्थिति कंट्रोल में है। डीएम ने गंगा के जलस्तर में वृद्धि को देखकर गोगरी व परबत्ता प्रखंड के सभी विद्यालयों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया है।

नेपाल व आसपास के क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण भुतही बलान व बिहुल नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इस कारण सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बिहुल नदी उफनाने से ललमिनियां पंचायत के इटहरी, ललमिनियां, नरही, लालपुर बेलही, गम्हरिया, महेशपुर, मौवाही, इनरवा आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। धान की फसल डूब गई है। नरही गांव से लालपुर तक जाने वाली सड़क नरही गांव के पास लगभग 50 फीट तक टूट गई है। कोसी नदी में भी बाढ़ का पानी बढ़ रहा है।

अररिया में भी बकरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। इस कारण इलाके के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कटिहार में नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। सोमवार को महानंदा, गंगा, कोसी, कारी कोसी व ब्रांडी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया। कुर्सेला में महानंदा का जलस्तर 31.11 मीटर, काढ़ागोला में गंगा का जलस्तर 31.63 मीटर तथा कुर्सेला ब्रिज के समीप कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.90 मीटर ऊपर दर्ज किया गया है। गंगा भी लाल निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से कुर्सेला बस्ती में भी पानी प्रवेश कर गया है। सोमवार को अमदाबाद प्रखंड मुख्यालय में पानी प्रवेश कर गया है। जिले के पांच प्रखंडों की 29 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित है। कटिहार-तेजनारायणपुर रेलखंड पर मनिहारी के समीप रेल ट्रैक से पानी का सीपेज हो रहा है। यहां मरम्मत कार्य किया जा रहा है।


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