हरि हत्याकांड में 18 साल बाद 21 में से पांच आरोपित दोषी करार
न्य 14 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। एपीपी मु. रियाज हुसैन के अनुसार इस मामले में ट्रायल के दौरान दो आरोपितों की मौत पूर्व में हो गई है।
भागलपुर। जगदीशपुर में वर्ष 2000 में हुए हरि प्रसाद हत्याकांड में 18 साल बाद न्यायालय ने अपना फैसला सोमवार को सुनाया। एडीजे टू जयप्रकाश की अदालत ने उक्त हत्याकांड के 21 में से पांच आरोपितों को दोषी करार दिया है। जबकि अन्य 14 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। एपीपी मु. रियाज हुसैन के अनुसार इस मामले में ट्रायल के दौरान दो आरोपितों की मौत पूर्व में हो गई है। छह अप्रैल को दोषी लोगों को सजा सुनाई जाएगी। दोषी करार दिए गए आरोपितों में कृत्यानंद यादव, राजेंद्र यादव, अरविंद यादव, मिल्टन यादव और गिरीश यादव शामिल हैं।
गोली मारने के बाद सिर काट लगे गए थे अपराधी
एपीपी ने जानकारी दी कि 15 सितंबर 2000 को जगदीशपुर के मोइद्दीनपुर में अपराधियों ने हरि प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद हत्यारों ने क्रूरता की हद पार करते हुए हरि के गले को धड़ से अलग कर दिया था। अपराधी उसका सिर साथ लेकर चले गए थे। हत्या के दूसरे दिन दूर खेत से पुलिस ने हरि की गर्दन बरामद की थी। इस मामले में हरि के परिजनों ने 21 लोगों को आरोपित बनाया था।