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भैरवा तालाब से जल्‍द निकाली जाएगी मछली, TMBU के प्रति कुलपति की अध्‍यक्षता वाली कमेटी करेगी मानीटरिंग

भैरवा तालाब से जल्‍द मछली निकाली जाएगी। इसके लिए प्रति कुलपति की अध्‍यक्षता में कमेटी बनाई गई है। यही कमेटी इसकी देखरेख करेगी। साथ ही कमेटी के सदस्‍य जिला प्रशासन से भी इस बारे में बातचीत करेगी। ज्ञात हो कि विवि के...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 07:54 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 07:54 AM (IST)
भैरवा तालाब से जल्‍द निकाली जाएगी मछली, TMBU के प्रति कुलपति की अध्‍यक्षता वाली कमेटी करेगी मानीटरिंग
भैरवा तालाब से जल्‍द मछली निकाली जाएगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के भैरवा तालाब से मछलियां निकालने के लिए कमेटी बनेगी। कमेटी प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार के चेयरमैनशिप में बनेगी, जिसमें सदस्य के रूप में अन्य अधिकारी होंगे। इसके लिए प्रभारी कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव को निर्देशित किया है। कुलपति ने कहा है कि अवकाश के बाद भैरवा तालाब को लेकर कमेटी अपना काम शुरू कर देगी, ताकि विश्वविद्यालय को राजस्व का नुकसान ना हो।

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-प्रतिकुलपति के चेयरमैनशिप में भैरवा तालाब के लिए बनेगी कमेटी

- कुलपति ने कमेटी के लिए कुलसचिव को किया निर्देशित

- भैरवा तालाब के मुद्दे पर राजस्व की हानि रोकने के लिए जिला प्रशासन और निगम से बात करेगी कमेटी

जिला प्रशासन से भी कमेटी करेगी संपर्क

कुलपति ने कहा है कि भैरवा तालाब के लिए बनने वाली कमेटी जिला प्रशासन और नगर निगम से भी बात करेगी। विवि द्वारा उनके समक्ष इस बात को रखा जाएगा कि तालाब की मछलियां किस तरह निकाली जाए। ताकि स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट भी प्रभावित ना हो और विवि के राजस्व का नुकसान भी रोका जा सके। इसके लिए विवि की टीम तालाब में मछलियों का आकलन करेगी। कमेटी यह तय करेगी कि राजस्व का नुकसान रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएं।

तालाब में है लाखों रुपये की मछलियां

भैरवा तालाब का पिछले पांच वर्षों से टेंडर नहीं हुआ है। इन पांच वर्षों में मछलियां नहीं निकाली गई हैं। अनुमान है कि लाखों की मछलियां निकलेंगी। कुछ माह पूर्व जब तालाब का टेंडर निकाला गया था तो एक संवेदक द्वारा तीन साल के लिए 30 लाख की बोली लगाई थी, जिसे तत्कालीन एफओ ने नहीं माना था। इस कारण टेंडर की प्रक्रिया दोबारा की गई।  दरअसल, तालाब का टेंडर समाप्‍त होने के बाद मछली निकालने को लेकर खूब हंगाम हुआ था। इसको देखेते हुए विवि प्रशासन की ओर से ऐसा निर्णय लिया गया है। 


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