मत्स्य व्यवसाय कर बेरोजगारी मिटाएंगे कोसी के युवा, सरकार के इस योजना से लोग हो रहे लाभान्वित
सरकार ने लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए मछली पालन को बढ़वा दिया है। इसके लिए युवकों को हर प्रकार से मदद की जा रही है।
सहरसा [कुंदन कुमार]। अब तक कुछ खास समुदाय के लोग मछली पालन व्यवसाय से जुड़े थे। सरकार अब इस व्यवसाय से इच्छुक बेरोजगार युवाओं को जोड़ने की रणनीति बनाई है। इसके लिए मामूली ब्याज पर युवाओं को विभाग की ओर से ऋण दिया जाएगा। समय पर इस ब्याज के चुकता कर दिए जाने पर इस ब्याज में भी छूट दी जाएगी। कोसी क्षेत्र के पिछड़ेपन और मत्स्यपालन की व्यापक संभावना को देखते हुए सरकार ने इस क्षेत्र के युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ने की योजना बनाई है। इससे दूसरे प्रदेश में अबतक रोजी कमा रहे प्रावासियों को भी एक नया अवसर प्रदान होगा। इससे कोसी क्षेत्र में मत्स्यपालन बढ़ेगा और इसे दूसरे प्रदेशों में भेजे जाने से इलाके की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
डीपीआर तैयार कर ऑनलाईन आवेदन करेंगे लाभुक
इस योजना के तहत मत्स्यपालन व्यवसाय के लिए आईस प्लांट, शीतगृह, मत्स्य परिवहन सुविधा, इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन, हैचरी, प्रसंसकरण इकाई, फिड मिल, केज कल्चर आदि संरचना के लिए युवा वर्ग के लोगों के साथ लघु एवं सीमांत किसान, स्वयं सहायता समूह, सहकारी समूह व अन्य मत्स्य उत्पादक ऋण प्राप्त कर सकते हैं। राष्ट्रीय मातिस्यकी विकास बोर्ड की वेबसाईट पर दिए गए निर्देश के आलोक में डीपीआर तैयार कर कोई भी लाभुक आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की एक प्रति प्रिटआउट दस्तावेज के साथ जिला मत्स्य कार्यालय में भी जमा करना होगा।
विशेष कोष से लागत पर 80 फीसद मिलेगा ऋण
मत्स्यपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने फिशरीज एण्ड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलमेंट फंड नामक विशेष कोष बनाया है। इसके लिए संरचना लागत पर 80 फीसद राशि ऋण के रूप में दी जाएगी। अभ्यर्थियों को सिर्फ 20 फीसद पूंजी लगाने की जरूरत पड़ेगी। ऋण की राशि पर महज पांच फीसद ब्याज लगेगा। समय पर इसका चुकता कर दिए जाने पर तीन प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। अर्थात समय पर ऋण वापस करने पर लाभुक को महज दो फीसद ही ब्याज देना होगा।
मत्स्यपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बुनियादी ढांचा मजबूत करने की योजना बनाई है। कोसी क्षेत्र के युवाओं के लिए यह सुनहरा अवसर है। इस क्षेत्र में मत्स्यपालन व्यवसाय की संभावना को देखते हुए इलाके के लोग इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं। - मनोरंजन कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहरसा।