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Fish farming : सर्दियों में मछली पालक इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान

सर्दियों में मत्स्य पालक किसानों को तालाब में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए ऊंचाई से पानी डालना चाहिए। साथ ही समय- समय पर तालाब मेें जाल चलाकर मछली स्वास्थ है या नहीं इसकी भी जांच भी करनी चाहिए। इससे किसी तरह की बीमारी आदि का पता चल जाता है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 10:27 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 10:27 PM (IST)
Fish farming : सर्दियों में मछली पालक इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकता है नुकसान
रजौन के बरौनी गांव के प्रगतिशील किसान बाबुल चौधरी इस तरह कर रहे मत्‍सय पालन।

 बांका, जेएनएन। सर्दियों के मौसम में मछलियों के विकास दर पर काफी असर पड़ता है। ऐसे मौसम में मछली पालकों को अपने तालाबों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। ठंड के मौसम में तालाबों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे मछलियां मरने लगती है। जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कुमार ङ्क्षसहा ने बताया कि ठंड में खास कर नवंबर, दिसंबर और जनवरी माह में मछली पालकों को अपने तालाबों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। क्योंकि सर्दियों में अक्सर तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में मछली मरने लगती है।

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मछली और तालाब का करें उचित प्रबंधन

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मछली पालक इस मौसम में ध्यान नहीं देते है। इससे उन्हें काफी नुकसान होता है। इस मौसम में मछली व्यवसाय में मछली और तालाबों की देखरेख और प्रबंधन की खास जरूरत होती है। वहीं मछलियों के आहार पर भी विशेष ध्यान देनी चाहिए। सर्दियों के मौसम में मछलियां सुस्त रहती है और कम गतिविधियां करती है। इसलिए मछलियों को बहुत ही कम भोजन देना चाहिए।

सर्दियों में ऐसे करें अपने तालाबों का रख-रखाव

सर्दियों में मछलियां सुस्त होने से उनमें मूवमेंट कम होता है। इसके लिए तालाब में 15 दिन या एक महीने में थोड़ा ताजा पानी डालना चाहिए। वहीं, तालाब में जमा पानी का एक चौथाई या उससे कम निकाल देना चाहिए और नए पानी का डालते रहना चाहिए। इसके साथ ही तालाब में ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए तालाब में ऊंचाई से पानी डालते रहना चाहिए या ऑक्सीजन का ऐरियेटर को प्रति दिन एक से दो घंटे चलाना चाहिए इससे मछलियों की वृद्धि होती रहेगी। वहीं समय-समय पर तालाब में जाल चलाकर देखते रहना चाहिए कि मछली स्वस्थ है या नहीं।

मछली की दर में कमी आने से किसान चिंतित

इस समय बांका के मछली उत्पादक किसान कम कीमत को लेकर चिंतित हैं। रजौन के बरौनी गांव के प्रगतिशील किसान बाबुल चौधरी ने बताया कि पंगेशियस मछली का रेट अभी थोक में महज 90 रुपये किलो मिल रहा है। जबकि इसका रेट कम से कम सौ रुपये होना चाहिए। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। हालांकि डीएम ने इस संबंध में बैठक कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। ताकि यहां के किसानों की मछलियों को बर्फ में पैक कर दूसरी जगह भेजी जा सके।


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