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रमजान का पहला रोजा आज, कोरोना के कारण इस बार खानकाह और मस्जिदों में नहीं पढ़ी जाएगी सामूहिक नमाज

रमजान का पहला रोजा आज यानी बुधवार को है। इस बार भागलपुर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए खानकाह और मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। लोगो अपने अपने घरों में रहकर ही इबादत करेंगे।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:20 AM (IST)
रमजान का पहला रोजा आज, कोरोना के कारण इस बार खानकाह और मस्जिदों में नहीं पढ़ी जाएगी सामूहिक नमाज
सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब। जागरण।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। मंगलवार को चांद नजर आ गया। रमजान का पहला रोजा बुधवार को होगा। मुल्लाचक शरीफ स्थित खानकाह शहबाजिया के गद्दीनशीं सैयद शाह इंतखाब आलम शहबाजी मियां साहब ने बताया कि चूंकि सोमवार को चांद नजर नहीं आया, इसलिए बुधवार से रमजान की शुरुआत होनी थी। मंगलवार को मौसम साफ रहने के कारण भागलपुर समेत हर जगह चांद नजर आया। उन्होंने लोगों से कोरोना को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पालन का करने को कहा। कोरोना के कारण खानकाह और मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। उन्होंने लोगों से घरों में रहकर इबादत करने को भी कहा।

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चांद निकलने पर एक दूसरे को दी बधाई

चांद निकलने के बाद लोगों ने दोस्तों और रिश्तेदारों को दी बधाई, घरों में की नमाज,

चांद का दीदार होने के साथ ही मंगलवार को पाक माह रमजान का रोजा शुरू होगा। शाम होते ही रमजान का चांद देखने के लिए लोग अपने घरों से निकलकर चांद देखने की कोशिश करने लगे रहे। सभी की निगाहें आसमान की तरफ टिकी रहीं। इस्लामी साल का आठवां महीना पूरे 30 दिनों का होने की वजह से आसमान में चांद साफ न•ार आया। चांद निकलने के बाद लोगों ने आपस में दोस्त और रिश्तेदारों को रमजान की मुबारकबाद का संदेश भेजने लगे। इसके साथ बुधवार से ईसा नमाज के बाद तरावीह की नमाज भी सभी मस्जिदों में शुरू होगी। लोगों ने रमजान की सारी तैयारी कर ली है। रमजान की तरावीह भी शुरु कर दी गई है, लेकिन इस बार भी कोरोना संक्रमण के कारण लोग घरों मे ही तरावीह की नमाज अदा करेंगे। लोगों ने अपने घरों में ही खुदा की इबादत करेंगे।

इस बार मस्जिदों में नही होगी तरावीह

इस्लामी साल का नौवां महीना रमजानुल्मोबराक का आगाज हो गया है। ये महीना रहमत,बरकत और मगफिरत का कहा जाता है। इस महीने मे ज्यादा से ज्यादा ईबादत किया जाता है। इसलिए इस महीने में लोग हर •ारूरत से आजाद होकर अधिक समय इबादत और नेक कामों के करने मे बिताते हैं। इस बार भी लोग तरावीह की बीस रेकत नमाज मस्जिद में नही पढ़ पाएंगे। कबीरपुर मस्जिद के इमाम मौलाना •िायाउल हक ने कहा, कोरोना की वजह से दूसरी बार ऐसा अवसर है जब मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढऩे से लोग महरुम हैं। यह सब हमारी नियत और अमल का नतीजा है। हमको अपने अमल को ठीक करना चाहिए। नेक काम कर अल्लाह को राजी करना चाहिए। ये महीना अपने अमल और नियत को दुरुस्त करने का है। अगर हम अब भी नही सुधरे तो हम पर अल्लाह और सख्त अजाब भेज देगा।

रमजान के महीने में बुराईयों से बचें : सैयद हसन

खनकाह पीर दमडिय़ा के सज्जादानशीं मौलाना सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि ये महीना बड़ी बरकत रहमत वाला है। इस महीने का एक-एक लम्हा बहुत ही कीमती है। इसलिए रोजा रखने के साथ-साथ कुरान की तिलावत करें। खूब वजिफा पढेंंं़ं। बुरी बातों से हमेशा के लिए तौबा करें। नफरत, अदावत, दुश्मनी से तौबा करें। किसी से कोई तकलीफ हो तो उसे माफ कर दें। बेकसों,,बेसहारों और जरूरतमंदों का ख्याल रखें।


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