बांका के इस राजद विधायक दर्ज कराई गई प्राथमिकी, जनिए वजह
बांका जिले के धोरैया विधानसभा क्षेत्र के राजद विधायक भूदेव चौधरी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में उनके अलावा कई अन्य लोग भी शामिल हैं। मामला कोरोना काल में बिना सुरक्षा के उपाय के कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर है।
बांका, जेएनएन। बांका जिले के धोरैया के राजद विधायक भूदेव चौधरी व उनके समर्थकों के खिलाफ रजौन थाने में दो अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए हैं। उनके खिलाफ ये मुकदमे सामुदायिक भवन का नाम बदलने व बुधवार को उसके उद्धाटन के दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के लिए जारी गाईड लाइन का उल्लंघन करने को लेकर किए गए हैं। इनमें से पहला मामला सीओ निलेश कुमार चौरसिया ने दर्ज कराया है। उसमें राजद विधायक व उनके समर्थकों पर भवन का उद्घाटन के दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के लिए जारी गाईड लाइन के तहत मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग एवं शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है। उस मुकदमे में राजद प्रखंड अध्यक्ष बबलू सिंह, सुभाष यादव, उदय सिंह, प्रमुख पति रणविजय सिंह, उमाशंकर सिंह, अवधेश यादव एवं जवाहर यादव सहित 70-80 अज्ञात व्यक्तियों को भी आरोपित बनाया गया है। दूसरा मामला जिला योजना पदाधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने दर्ज कराया है। उसमें राजद विधायक पर आरोप लगाया गया है कि 2019 में धोरैया के पूर्व विधायक मनीष कुमार द्वारा उस भवन का लोकार्पण किए जाने के बावजूद उन्होंने उसका दोबारा उद्घाटन करते हुए किसी विशेष व्यक्ति के नाम पर उसका नामाकरण किया। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने समर्थकों के साथ उस सरकारी सामुदायिक भवन में अवैध तरीके से प्रवेश कर उस पर कब्जा जमा लिया। इस मामले में राजद प्रखंड अध्यक्ष बबलू सिंह, सुभाष यादव, उदय सिंह, रणविजय सिंह, उमाशंकर सिंह, अवधेश यादव जवाहर यादव को भी नामजद किया गया है। इस संबंध में थानाध्यक्ष बुद्धदेव पासवान ने बताया पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
जानकारी के अनुसार बांका जिले के रजौन प्रखंड के भूसिया मोड़ स्थित मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की 28 लाख रुपये की लागत से बने दो मंजिला सरकारी पटेल भवन का नामकरण डॉ. आंबेडकर सामुदायिक भवन किए जाने केबाद से यह मामला तूल पकडऩे लगा था। स्थानीय राजद विधायक भूदेव चौधरी ने नामकरण के बाद बुधवार को उसका उद्घाटन किया था। पटेल संघ एवं एनडीए के कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध किया गया। इधर, धोरैया के पूर्व विधायक मनीष कुमार ने इस मामले से प्रशासन को अवगत कराया। इसके बाद जिला प्रशासन के आदेश पर गुरुवार को उनके खिलाफ दो अलग-अलग केस दर्ज कराए गए।
वह भवन सरकारी है। लेकिन पूर्व विधायक द्वारा उसे सरकारी आवास बना लिया गया था। इसके कारण भवन की चाबी बीडीओ से लेकर उसे आम लोगों को समर्पित कर दिया गया। अगर भवन का नाम पहले से पटेल भवन रहता तो उसका नाम डॉ. आंबेडर भवन नहीं रखा जाता। वे दोनों देश के महापुरुष हैं। कोरोना नियम के अनुसार सभी लोग थे। केस में लगाए गए आरोप निराधार है। - भूदेव चौधरी, विधायक, धोरैया