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अररिया के पास सीमा सील होने के बावजूद तस्करों की कारगुजारी से इस तरह नेपाल में पहुंच रहे हैं भारतीय खाद

भारत-नेपाल की सीमा सील होने के बाद भी खाद की तस्करी हो रही है। नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के भारत नेपाल सीमवर्ती क्षेत्रों में खाद की कालाजाबारी एवं तस्करी का धंधा बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है। हालांकि इसके लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 04:12 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 04:12 PM (IST)
अररिया के पास सीमा सील होने के बावजूद तस्करों की कारगुजारी से इस तरह नेपाल में पहुंच रहे हैं भारतीय खाद
भारत-नेपाल की सीमा सील होने के बाद भी खाद की तस्करी हो रही है।

अररिया [अजीत कुमार]। जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में खाद की कालाबाजारी व तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। तस्करों को प्रति बोरा तीन सौ से चार सौ की आमदनी होती है।

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नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के भारत नेपाल सीमवर्ती क्षेत्रों में खाद की कालाजाबारी एवं तस्करी का धंधा बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है। सीमावर्ती फुलकाहा, घुरना, बसमतिया, पथरदेवा, बेला आदि गांव तस्करी के लिए सेफ जोन माना जाने लगा है। खासकर यूरिया खाद की कालाबाजारी और तस्करी अधिक होती है।

सूत्रों की मानें तो नेपाल में यूरिया खाद का इस्तेमाल देशी शराब बनाने में किया जाता है। इसलिए ज्यादा डिमांड यूरिया खाद की हीं रहती है। तस्करों को प्रति बोरा तीन सौ से चार सौ की आमदनी होती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी वर्षो से होती आ रहा है। लोगों का मानना है कुछ तस्कर कृषि विभाग से उर्वरक की दुकान का लाइसेंस लेकर भारत- नेपाल सीमा के बिल्कुल करीब लगभग एक किलोमीटर के भीतर हीं अपनी दुकानें खोल कर उर्वरकों का भंडारण कर लिया है। वहां से आसानी से यूरिया खाद नेपाल भेज रहे हैं। खासतौर पर अररिया, पूर्णिया, सुपौल, सहरसा से यूरिया का कालाबाजारी होता है इस मामले में पीपुल्स पावर के प्रमंडलीय अध्यक्ष प्रभात यादव ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से शिकायत की है। अविलंब कालाबाजारी को रोकने की भी बात कही है।

क्या कहते हैं किसान नरपतगंज के किसान

संतोष यादव, मंटू यादव, अनिल कुमार, कलाम, उज्ज्वल यादव आदि ने कहा यहां के खाद की तस्करी कर नेपाल भेज दिया जाता है। किसान रामनारायण झा ने कहा सीमा से महज कुछ हीं दूरी पर हीं खाद की दर्जनों लाइसेंसी एवं बिना लाइसेंस की दुकानें संचालित है। नरपतगंज प्रखंड के पथरदेवा के समीप नों मेंस लैंड पर कई दुकानें खुली हुई है यहां धड़ल्ले से इस पार से उस पार खाद को भेजा जाता है। यहां से बड़े बड़े वाहनों से तस्करी का सामान नेपाल से भारत और भारत से नेपाल आसानी से भेजा जाता है। इंडो नेपाल बॉर्डर लॉकडाउन के वजह से सील रहने के बावजूद भी तस्करी होना बहुत हीं दुखद है। नरपतगंज समेत भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के खाद दुकानदार पोस मशीन से किसान को खाद नहीं देते हैं। जबकि नेपाल में तस्करी के माध्यम से यह खाद बड़े माफियाओं के द्वारा छोटे माफियाओं से मिलकर खाद को नेपाल धड़ल्ले से भेज रहा हैं। भारतीय खाद नेपाल में डेढ़ गुना अधिक मुनाफा में बेचा जाता है।

पड़ोसी देश नेपाल के सुनसरी जिला के देवानगंज, कप्तानगंज, इनरुआ, भुटहा, हरीनगरा आदि जगहों पर भारतीय खाद धड़ल्ले से मिल रहा है। आमतौर पर सरकारी निर्देश के अनुसार किसी भी किसान को उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए खाद दुकानदारों द्वारा आधार कार्ड मांगा जाना अनिवार्य है ङ्क्षकतु ऐसा धरातल पर नहीं हो रहा है। खाद माफिया बिना किसी जांच-पड़ताल के बिना आधार कार्ड के नंबर लिए खाद माफियाओं को बड़े पैमाने पर रासायनिक खाद उपलब्ध करा रहे हैं बाद में कागजी खानापूरी के लिए कुछ किसानों का नाम रजिस्टर में जोड़ दिया जाता है। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में खाद की तस्करी इन दिनों जोरों पर है वास्तविक किसानों को ऊंचे दामों पर रसायनिक खाद खरीदना पड़ रहा है। जिससे किसानों का आर्थिक दोहन हो रहा है।

तस्करी से संबंधित सवाल पर पूछे जाने पर फुलकाहा बीओपी के कंपनी कमांडर दुर्गेश कुमार पांडेय ने बताया कि हमारे एसएसबी के जवान चौबीसों घंटा बॉर्डर पर तैनात रहते हैं तस्करों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है और कई बार खाद की जब्ती सूची भी बनाई गई है। जो भी तस्कर और तस्करी की सामग्री बरामद की होती है उसकी जब्ती सूची बनाकर कस्टम विभाग को दिया जाता है और वरीय अधिकारी को जब्ती की सूची भेजी जाती। इधर अररिया जदयू जिलाध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा यहां के किसानों को खाद उचित मूल्य में नहीं मिलता है इसको लेकर अररिया जिला पदाधिकारी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजा जाएगा ऐसे तस्करों एवं खाद दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई विभाग के द्वारा करवाने की बात कही।

भारतीय क्षेत्र में खाद के दाम: यूरिया चार सौ रुपया प्रति बोरी, नेपाल में यूरिया 520 रुपया प्रति बोरी, डीएपी 1700, नेपाल में 2200 हजार प्रति बोरी पोटाश 980 रुपया, नेपाल में 1100 रुपया प्रति बोरी एलुमिनियम 800 बोरी नेपाल में एक हजार प्रति बोरी, जिप्सम, 500 नेपाल में 800 सौ रुपया प्रति बोरी बिकता है।

इस संबंध में पूछे जाने पर अररिया जिला जिला कृषि पदाधिकारी संतलाल प्रसाद ने कहा कि भारत नेपाल सीमा से जुड़े सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी तथा प्रखंड कृषि पदाधिकारी को अररिया जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में पत्र भेजकर इस दिशा में अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। ताकि कालाबाजारी को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही है कि नेपाल से भारतीय क्षेत्र के किसानों को उचित दाम में खाद नहीं दे रहे हैं और नेपाल में तस्करी के माध्यम से खाद को दुकानदार तस्करी के माध्यम से भेज रहे हैं ऐसे दुकानदारों पर अविलंब कार्रवाई की जा रही है।

केस स्टीडी एक- नरपतगंज के बसमतिया में दो माह पूर्व तस्करी का 15 बोरी यूरिया खाद को एसएसबी के द्वारा जब्त किया गया था। इस मामले में तस्कर खाद छोड़कर नेपाल की ओर भागने में सफल रहे।

केस स्टडी दो- चार माह पूर्व घूरना एसएसबी जवानों के द्वारा 15 बोरी तस्करी के माध्यम से ले जाए जा रहे खाद को एसएसबी ने पकड़ा था। इस मामले में चार तस्कर गिरफ्तार किए गए थे।

केस स्टडी तीन -पथरदेवा एसएसबी कैंप के जवानों ने तीन माह पूर्व तस्करी का 20 बोरी खाद को जब्त किया था और इसके साथ ही तस्कर को भी गिरफ्तार किया था। 


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