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कृषि रोडमैप बनाने के लिए लेना होगा किसानों का फीडबैक, अन्नदाता तय करेंगे कृषि नीति

किसानों के फीडबैक के आधार पर कृषि का रोडमैप तैयार होगा। प्रत्येक पंचायत में लगेगा चौपाल किसानों की सलाह पर बनेगी योजना। कृषि वैज्ञानिक उन्नत किसानी के साथ रोजगार के लिए करेंगे प्रेरित। अब अन्नदाता कृषि नीति बनाने में करेंगे सहयोग।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 11:02 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 11:02 AM (IST)
कृषि रोडमैप बनाने के लिए लेना होगा किसानों का फीडबैक, अन्नदाता तय करेंगे कृषि नीति
भागलपुर में बारिश के कारण किसानों के फसल डूब गए हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। अब अन्नदाता कृषि नीति तय करेंगे। किसानों से प्राप्त फीडबैक के जरिये कृषि विभाग योजना तैयार करेगी। कृषि विभाग, बैंक सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी किसानों के पास पहुंचेंगे। उन्हें उन्नत किसानी के साथ रोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं, शिविर में किसानों से फीडबैक भी लिया जाएगा। किसानों के फीडबैक के आधार पर कृषि का रोडमैप तैयार होगा। किसानों के सुझाव के अनुरूप आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारी रिपोर्ट कंपाइल कर सरकार को भेजेंगे। जिसके आधार पर सूबे की कृषि नीति बनेगी।

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25 से नौ नवंबर तक लगेगा चौपाल

25 अक्टूबर से नौ नवंबर तक जिले में किसान चौपाल का आयोजन किया जाएगा। यह जिले के 238 पंचायतों में आयोजित होगा। कृषि, उद्यान, आत्मा, भूमि संरक्षण, पशुपालन, मत्स्य, गव्य विकास, बैंक, सहकारिता विभाग के अधिकारियों के अलावा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, मास्टर ट्रेनर के अलावा पंचायत के किसान चौपाल में भाग लेंगे। इस दौरान किसानों के सुझाव को नोट किया जाएगा। किसानों को होने वाली परेशानी से संबंधित अधिकारी अवगत होंगे और उसका तत्काल समाधान करेंगे। किसानी के साथ किसानों के लिए और भी फायदे के बारे में बताया जाएगा।

आधुनिक व नवीनतम तकनीक की मिलेगी जानकारी

कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा कृषि के आधुनिक व नवीनतम तकनीकों की जानकारी किसानों को दी जाएगी। किसानों की सम-सामयिक समस्याओं का समाधान किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन के कारण खेती पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए वैकल्पिक खेती के तरीकों की जानकारी दी जाएगी। खेती के साथ-साथ आय के वैकल्पिक साधनों को अपनाने के संबंध में जानकारी दी जाएगी। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए किसानों के फीडबैक प्राप्त किए जाएंगे। जल-जीवन-हरियाली योजना से संबंधित जानकारी दी जाएगी। जैविक खेती को बढ़ावा देने से संबंधी जानकारी दी जाएगी। कृषि उत्पादक संगठन के निर्माण से संबंधी जानकारी दी जाएगी। फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

खरीफ की कमी को रबी करेगा पूरा

बारिश और बाढ़ की वजह से खरीफ में होने वाली लगभग फसलें बर्बाद हो गई। बिहपुर और जगदीशपुर प्रखंड को छोड़कर शेष 14 प्रखंडों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के कारण 50407 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है। सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। सब्जी, केला आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान की भरपाई किसान रखी की फसल में करना चाह रहा है। लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर फिलहाल पानी फेर दिया है। खेत सूखने के बाद किसान गेहूं, मक्का, दलहन, तेलहन की फसल लगा सकेंगे।

रबी फसलों को नहीं होगी उर्वरक की कमी

जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। अभी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। रबी में खाद की जरूरत नवंबर में पड़ती है। लेकिन अभी भी जिले में खाद उपलब्ध है। पांच विक्रेताओं की उर्वरक अनुज्ञप्ति उर्वरक कालाबाजारी करने के आरोप में रद कर दी गई एवं जांचोपरात दोषी पाए जाने पर तीन विक्रेताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है। 10 विक्रेताओं से स्पष्टीकरण, 52 विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति निलंबित, 37 विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति रद एवं पांच विक्रेताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।

धान के बाद अधिक होता है गेहूं

कुछ दिनों में रबी की बोआई शुरू हो जाएगी। रबी में सबसे ज्यादा रकबा गेहूं का होता है। सरसों, तीसी, चना, मक्का आदि खेती भी वृहत पैमाने पर होती है। पीरपैंती के किसान राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार लगातार बारिश के कारण खरीफ फसल को नुकसान हुआ है। अब किसानों को रबी फसल ही सहारा है। इसकी खेती की तैयारी चल रही है। खेत से पानी निकलने के बाद गेहूं के साथ तिलहन फसल की खेती होगी।

जिले में 16 एफपीओ

जिले में 16 फार्मर प्रोडयूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) का गठन किया गया है। इसके सैकड़ों किसान जुड़े हैं। एग्रो प्वाइंट कृषक प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी से करीब 350 किसान जुड़े हैं। कंपनी किसानों के हित में काम कर रही है। किसानों को पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

खरीफ फसल रकवा (हे. मे)

  • धान 51860
  • मक्का 45065
  • दलहन 7661
  • तेलहन 135
  • सब्जी 6831
  • गन्ना 450.5
  • अन्य 3582

उर्वरक लक्ष्य आपूर्ति उपलब्धता

  • यूरिया 40000-4242.915-4118.356
  • डीएपी 9828-200-2579.36
  • एनपीके 4420-1200-1554.218
  • एमओपी 4782-00-1560.650
  • एसएसपी 2763-00-441.75

एफपीओ का गठन करेगा नाबार्ड

आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि एफपीओ का गठन अब नाबार्ड के माध्यम से होगा। लेकिन एफपीओ को तकनीकी जानकारी आत्मा द्वारा दी जाती रहेगी। किसानों को जागरूक किया जाएगा।

किसान चौपाल में किसानों के हित की बात होगी। उनके फीडबैक लेकर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। किसानों को नई तकनीक की जानकारी के साथ-साथ रोजगार को लेकर चर्चा होगी। उनकी परेशानी को दूर किया जाएगा।- कृष्णकांत झा, भागलपुर जिला कृषि पदाधिकारी


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