लघु उद्योग से जुड़ेंगे किसान, इन 26 तरह के कृषि यंत्रों की खरीद पर मिलेगा अनुदान
किसानों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके लिए किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जाएगा। साथ ही किसानों को कृषि कार्य के साथ लघु उद्योग से जोडऩे की पहल की जा रही है।
मधेपुरा, जेएनएन। कृषि कार्य के साथ किसानों को स्वावलंबी बनाने पर कृषि विभाग जोर दे रही है। इसके लिए किसानों को राइस मिल,दाल मिल रबर राइस मिल,आयल मिल स्थापित करने को लेकर कृषि विभाग के द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि कार्य के साथ साथ इस तरह के लधु उद्योग के लिए किसानों को प्रेरित करने का अभियान कृषि विभाग की ओर चलाया जा रहा है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार किसान 31 नवंबर तक इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसानों को अनुदानित दर पर करीब 26 प्रकार का यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के वेबसाइट पर ऑन लाइन आवेदन करना है। आवेदन स्वीकृत होने पर किसान कृषि विभाग से पंजीकृत दुकानों से अनुदानित दर पर यंत्रों की खरीद कर सकेंगे।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी
यंत्रों की खरीद को लेकर किसानों से ऑन लाइन आवेदन मांगा गया है। आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। किसान 31 नवंबर तक आवेदन कर सकेंगे। जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने बताया कि किसानों को ऑन लाइन करने में कोई समस्या होने पर तत्काल जिला कृषि कार्यालय आकर इसकी जानकारी दें। जिला कृषि कार्यालय से किसानों की समस्या को दूर करने की पूरी पहल की जाएगी।
ईबीसी और एससी एसटी को मिलेगा 80 प्रतिशत अनुदान
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को विभिन्न तरह के कृषि उपकरण अनुदानित दर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मानव चलित पावर स्पेयर सहित कई तरह के उपकरण शामिल हैं। सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण मुरारी कुमार ने बताया कि कृषि उपकरण सहित दाल मिल,आयल मिल,राइस मिल के स्थापित करने पर ईबीसी और एससी एसटी कोटे से आने वाले किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान कृषि विभाग से दिया जाएगा। वहीं सामान्य वर्ग से आने वाले किसानों को 50 प्रतिशत का अनुदान देने का लक्ष्य निर्धारत किया गया है।
किसानों को स्वावलंबी बनाने को लेेकर कृषि विभाग ने पहल की है। किसानों के लिए यह एक बेहतर अवसर है। किसान कृषि कार्य के साथ राइस मिल,तेल मिल या दाल मिल की स्थापना कर अपनी आर्थिक स्थिति को और बेहतर कर सकते हैं। - राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी, मधेपुरा।