अब खेतों की जुताई किए बिना किसान पूरे साल लगा सकेंगे फसल, भागलपुर जिले के 200 हेक्टेयर में होगी वर्षा आश्रित खेती
इसके लिए जगदीशपुर प्रखंड का किया गया चयन किसानों की मदद करेगा कृषि विभाग। खेतों की जुताई किए बिना किसान पूरे साल लगा सकेंगे फसल होगा फायदा। 3500 रुपये एक एकड़ के लिए देगी सरकार। 15 से 20 दिन का अंतराल होगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के दो सौ हेक्टेयर में अब वर्षा आश्रित खेती होगी। इसके लिए जगदीशपुर प्रखंड का चयन किया गया है। कृषि विभाग की मदद से किसान वर्षा आश्रित खेती कर सकेंगे। खेतों की जुताई किए बिना किसान पूरे साल फसल लगा सकेंगे। इससे किसानों को दोगुना फायदा होगा। एक फसल का समय समाप्त होते ही किसान तत्काल दूसरी फसल लगा सकेंगे। इसमें किसानों को बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की भी मदद मिलेगी। वैज्ञानिक किसानों को खेती का तरीका बताएंगे।
किसानों का होगा पूरा मुनाफा
वर्षा आश्रित एक एकड़ खेती के लिए किसान को 35 सौ रुपये सरकार की ओर से दिया जाएगा। खेती से जो मुनाफा होगा, वह किसानों का होगा। किसानों की आय दोगुनी करने और खेती के विकास के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर की तकनीकी मदद से मौसम आधारित खेती किसान कर सकेंगे। कृषि विभाग कृषि वैज्ञानिकों की मदद से किसानों को वर्षा आश्रित खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इस योजना की खास बात है कि खेती की लागत कम कर पर्यावरण की रक्षा कर किसानों को अत्यधिक लाभ दिलाया जाएगा। जिले के दो सौ हेक्टेयर में धान, गेहूं, मक्का, आलू, सरसों, मसूर आदि खेती की जाएगी। जगदीशपुर के किसानों को बदलते मौसम के अनुकूल नई तकनीकी से खेती करने की जानकारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी।
खेतों में सालों भर रहेगी फसल
दो फसलों के बीच 15 से 20 दिन का अंतराल होगा। किसानों को पांच वर्षों तक खेतों की जुताई नहीं करनी होगी। खेतों में सालों भर फसल रहेगी। मौसम आधारित खेती की खास बात है कि खेतों की जुताई किए बिना ही किसान पूरे साल फसल लगा सकेंगे। पहली फसल लेने के 15 दिनों बाद ही दूसरी फसल की बुआई कर सकेंगे। वर्षा की कमी वाले क्षेत्र के रूप में जगदीशपुर का चयन किया गया है। यहां के किसान धान, गेहूं के अलावा कई अन्य फसलों को उगा सकेंगे।
साल भर का फसल कैलेंडर
-धान-गेहूं-परती, -अरहर-मक्का, -धान-सरसों-मूंग, -धान-मक्का-परती, -मक्का-गेहूं-मूंग, -धान-गेहूं-मूंग, -धान-चना-मसूर, -धान-आलू-सूरजमुखी, -धान-आलू-मक्का, -मक्का-सरसों- मूंग।
वर्षा आश्रित खेती के लिए जगदीशपुर प्रखंड का चयन किया गया है। यहां शुरुआती समय में दो सौ हेक्टेयर में वर्षा आश्रित खेती किसान करेंगे। किसानों को खेती के लिए वैज्ञानिक जानकारी दी जाएगी। - कृष्ण कांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी