गेंदे के फूलों से महकेगी किसानों की बगिया, जानिए कैसे
जिले में अब गेंदा फूलों की खेती से किसानों की आय बढ़ाई जाएगी। कोलकाता के बजाय स्थानीय बाजार में किसान खुद उत्पादन कर फूल की आपूर्ति करेंगे। जिले को 10 हेक्टेयर में गेंदा फूल की खेती का पहली बार लक्ष्य मिला है।
सुपौल [सुनील कुमार] । जिले के किसानों की बगिया अब ना सिर्फ गेंदे के फूलों से महकेगी बल्कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। इस को लेकर विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत जिले में गेंदे की खेती के लिए विभाग को लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। विभाग को मिले लक्ष्य के अनुसार इस वर्ष 10 हेक्टेयर में गेंदे के फूल की खेती की जाएगी।
इस खेती के लिए किसानों को सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गेंदे की खेती में लगभग 40 हजार प्रति हेक्टेयर की लागत आती है सरकार द्वारा ऐसे किसानों को 50 फ़ीसद अनुदान दिया जाएगा। एक हेक्टेयर खेत में लगभग 40 हजार पौधे लगते हैं। किसानों को पौधे विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। एक किसान को अधिकतम एक हेक्टेयर खेत के लिए अनुदान की राशि दी जाएगी।
बदलते समय के साथ जिले में भी फूलों की मांग बढ़ी है। यहां के बाजारों में फूलों की अच्छी खासी मांग रहती है। शादी-विवाह से लेकर पूजा-अर्चना के लिए प्रतिदिन फूलों की काफी खरीदारी की जाती है। ऐसे में किसानों को बाजार भी सुलभता से उपलब्ध हो जाएगा जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
जिले में गेंदा की खेती महज कुछ किसानों तक ही सिमटी हुई है। यहां के किसान इस खेती में अब तक रुचि नहीं ले पाते थे जिससे स्थानीय बाजारों में फूल की आपूर्ति अन्य बाजारों से की जाती थी। अब जबकि सरकार ने गेंदे की खेती को बढ़ावा देने के लिए पहल की है तो निश्चित ही यहां की मिट्टी से उपजे फूल बाजारों में उपलब्ध होंगे।
इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के साथ किसान को जमीन का अद्यतन रसीद, आधार कार्ड तथा किसान पंजीयन संलग्न करना होगा। किसानों को मिलने वाली अनुदान की राशि उनके खाते में डीवीटी के माध्यम से भेजी जाएगी।
क्या कहते हैं उद्यान पदाधिकारी
उद्यान पदाधिकारी ने आकाश कुमार ने कहा कि जिले में गेंदा की खेती को लेकर लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसकी खेती पर किसानों को 50 फ़ीसद अनुदान दिया जाएगा। फिलहाल किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। अब तक दो हेक्टेयर में गेंदा फूल लगाने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है।