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खेतों में किसान जला रहे पराली, सोया है कृषि विभाग

पराली जलाने पर प्रतिबंध के बाद भी किसान अपने खेतों में पराली जला रहे हैं। इसके रोकने के लिए सरकार ने कहा है कि जो किसान पराली जलाएंगे उन्‍हें सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्‍त कृषि समन्‍वयक को रिपोर्ट करने को कहा गया है।

By Amrendra TiwariEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 12:30 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 12:30 PM (IST)
खेतों में किसान जला रहे पराली, सोया है कृषि विभाग
जिले के ग्रामीण अंचलों में आज भी किसान अपने खेतों में जला रहे हैं पराली

जागरण संवाददाता, लखीसराय। सरकार ने खेतों में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी कड़ी निगरानी और पराली जलाने वाले किसानों को चिह्नित कर उन्हें कृषि योजनाओं से वंचित करने की जिम्मेदारी सरकार ने कृषि विभाग को दी है। लेकिन, जिले के ग्रामीण अंचल में किसानों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। खासकर जिले के रामगढ़ चौक, हलसी, लखीसराय, चानन प्रखंड क्षेत्रों में किसान अपने खेतों में पराली जला रहे हैं। कृषि विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं मिल रही है।

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कृषि समन्वयक पराली जलाने वाले किसानों को नहीं दे रहे रिपोर्ट

यह हाल तब है जब पंचायत स्तर पर कृषि समन्वयकों को पराली जलाने वाले किसानों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी जिला कृषि पदाधिकारी ने दे रखी है। कृषि समन्वयक सब कुछ जानते हुए भी आजतक कोई रिपोर्ट कृषि कार्यालय को नहीं दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कुछ दिन पूर्व वीडियो कांफ्रेंसिंग में जब सख्ती बरती गई तो जिला कृषि पदाधिकारी भरत प्रसाद खुद इसकी निगरानी करने निकले। उन्होंने निरीक्षण के दौरान रामगढ़ चौक क्षेत्र में खेतों में पराली जला हुआ पाया। जिला कृषि पदाधिकारी भरत प्रसाद कहते हैं कि पराली जलाने वाले किसानों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है।

पराली नहीं जलाने के लिए किसानों को करें जागरूक

उधर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने डीएओ को निर्देशित किया है कि किसान खेतों में पराली नहीं जलाए इसके लिए उनको जागरूक करें, प्रचार प्रसार करे। डीएम ने सख्त हिदायत दी है कि जो किसान पराली जला रहे हैं उनकी सूची बनाकर उन्हें ब्लैकलिस्ट करें ताकि उन्हें सरकार की अनुदान योजना से वंचित रखा जाय। जिन किसानों पर कार्रवाई की जाय उसका भी प्रचार प्रसार करने का निर्देश डीएम ने दिया है। जानकारी हो कि ग्रामीण अंचलों में पंचायत स्तर पर कार्यरत कृषि समन्वयक की गांव की राजनीति के पेंच के कारण पराली जलाने की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। और वे कार्रवाई से परहेज भी कर रहे हैं। इस कारण जिले में सरकार के आदेश का अनुपालन सख्ती से नहीं हो पा रहा है। 


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