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भागलपुर-बांका-दुमका रेल सेक्शन पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की कवायद शुरू, 50 नहीं 70 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

भागलपुर-बांका-दुमका रेल सेक्शन पर सफर और असान हो जाएगा। इस खंड पर पुराने रेल पटरियों को करीब-करीब बदल दिया गया है। इससे अब अब 50 नहीं 70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। इसके लिए दो बार ट्रैक का निरीक्षण किया जा चुका है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:50 AM (IST)
भागलपुर-बांका-दुमका रेल सेक्शन पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की कवायद शुरू, 50 नहीं 70 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें
भागलपुर-बांका-दुमका रेल सेक्शन पर सफर और असान हो जाएगा।

 जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर-बांका-दुमका रेल सेक्शन पर अब 50 नहीं 70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। इसके लिए दो बार ट्रैक का निरीक्षण किया जा चुका है। पटरियों की जांच में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। मुख्यालय का निर्देश मिलते ही ट्रेन की रफ्तार बढ़ा दी जाएगी।

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दरअसल, इस खंड पर पुराने रेल पटरियों को करीब-करीब बदल दिया गया है। सिर्फ हंसडीहा-मंदारहिल के बीच तीन-चार किलोमीटर ट्रैक बदलने का काम बचा हुआ है। वर्तमान में इस सेक्शन पर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 50 किमी प्रति घंटे है। 

इस लाइन पर मंडल का पूरा फोकस

मालदा रेल मंडल का पूरा फोकस इस सेक्शन पर है। आने वाले दिनों में यह रेल सेक्शन व्यस्त (बिजी) लाइन की श्रेणी में होगा। भागलपुर-दुमका-रामपुर हाट के रास्ते हावड़ा के लिए भागलपुर से सीधी ट्रेन सेवा है। अभी लॉकडाउन के कारण कवि गुरु बंद है। इस रूट से हावड़ा की दूरी साहिबगंज-रामपुर हाट की अपेक्षा कम है।

गुड्स यार्ड होने के बाद विशेष फोकस

भागलपुर-मंदारहिल रेल सेक्शन स्थित टेकानी में गुड्स यार्ड होने के कारण इस लाइन पर विशेष फोकस है। हावड़ा से आने वाली मालगाड़ी रामपुर हाट के बाद दुमका होकर ही आती है। यहां मालगाडिय़ों से माल की अनलोडि़ंग दो वर्ष से हो रही है।

मार्च तक विद्युतीकरण का कार्य होगा पूरा

इस सेक्शन पर अभी डीजल इंजन से ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। इस सेक्शन पर विद्युतीकरण का काम काफी तेजी से चल रहा है। भागलपुर से धौनी स्टेशन तक तार लगाने का काम भी पूरा हो गया है। मार्च तक विद्युतीकरण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद इस खंड पर ट्रेनों का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन के सहारे होगा। डेमू की जगह मेमू ट्रेनों का परिचालन होगा।  


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