Move to Jagran APP

जमालपुर रेल कारखाना को बचाने के लिए एकजुट होने लगे सभी लोग, कहा- कारखाना के विकास से ही सुधरेगी शहर की अर्थव्यवस्था

जमालपुर रेल कारखाना को बचाने के लिए पूरे शहर के लोग एकजुट होने लगे हैं। लोगों ने बताया कि इस कारखाने का इतिहास करीब 157 साल पुराना है। कारखाना के विकास के बाद ही शहर का विकास संभव है। इसके उपर ही शहर की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 05:42 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 05:42 PM (IST)
जमालपुर रेल कारखाना को बचाने के लिए एकजुट होने लगे सभी लोग, कहा- कारखाना के विकास से ही सुधरेगी शहर की अर्थव्यवस्था
जमालपुर रेल कारखाना को बचाने के लिए पूरे शहर के लोग एकजुट होने लगे हैं।

संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर)। रेलनगरी के नाम से मशहूर जमालपुर शहर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से रेल कारखाने पर निर्भर है। ऐसे में जब तक कारखाने का विकास नहीं होगा, तब तक जमालपुर शहर की अर्थव्यवस्था सु²ढ़ नहीं होगी। यही कारण है कि जमालपुर रेल कारखाना को निर्माण इकाई का दर्जा देने, कारखाना को अतिरिक्त कार्यभार देने, स्थानीय स्तर पर बहाली प्रक्रिया शुरू करने, डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने जैसी मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, रेल कारखाने के सवाल पर चलाए जा रहे आंदोलन में शहर के व्यवसायी भी बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं।

loksabha election banner

जमालपुर रेल कारखाना के विकास से ही जमालपुर शहर एवं आसपास के क्षेत्र का विकास संभव है। यह सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि किसी जमाने में एशिया का प्रथम और सबसे बड़ा और विकसित इंडस्ट्रियल एरिया हुआ करता था। कारखाना में 22 हजार रेलकर्मी काम करते थे। रेलकर्मी जमालपुर बाजार को नई ताकत देते थे। वर्तमान समय में कारखाना की स्थिति दिनोंदिन दयनीय हो रही है। इसका प्रतिकूल असर जमालपुर रेल कारखाना पर पड़ रहा है। -राजेश पांडे, दवाई दुकानदार।

जमालपुर रेल कारखाना इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का मूल आधा है। इसका संपूर्ण विकास जरूरी है। रेलकर्मी और उनके स्वजन बाजार में आ कर खरीदारी करते हैं। -विनय कुमार, मोबाइल विक्रेता जमालपुर

जमालपुर में रेल विश्वविद्यालय की स्थापना और रेल निर्माण कारखाना का दर्जा मिलने से ही भविष्य में यहां स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक संस्थाओं के अलावा पर्यटन के क्षेत्र में विस्तार संभव होगा। इसके बाद ही स्थानीय बाजार में भी रौनक लौटेगी। -संजीव कुमार उर्फ बबलू, चैंबर सदस्य जमालपुर

डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने से यहां के रेल कारखाना में वर्क लोड बढ़ेगा। इसके बाद कुशल युवाओं को रोजगार मिलेगा। क्षेत्र की बेरोजगारी को दूर होने से शहर की बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकेगा। -मु. आलम, व्यवसायी, जमालपुर

हमारे पूर्वज इसी कारखाने में काम करते थे। उस वक्त कारखाने में 22 हजार रेलकर्मी हुआ करते थे। आज यहां मुश्किल से सात हजार रेलकर्मी काम करते हैं। रोजगार के अभाव में स्थानीय युुवाओं को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यदि कारखाना का विकास होता है, तो स्थानीय स्तर पर बहाली शुरू होगी। इसके बाद यहां के युवाओं को पलायन करने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। -विनय चौरसिया, मनोरमा ङ्क्षप्रट हाउस, जमालपुर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.