हर आंखों को था हजरत वली रहमानी के अंतिम दीदार का इंतजार, लाखोंं की तदाद में अकीदतमंद पहुंचे मुंगेर, देखें तस्वीर
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के महासचित और इमारत ए शरिया हजरत वली रहमानी की अंतिम झलक पाने के लिए लाखों की संख्या में रविवार को लोग मुंगेर पहुंचे। हर चौक-चौराहे पर सुबह से ही भीड़ जुटने लगी थी।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। शनिवार को जामिया खानकाह रहमानी के सरपरस्त, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और इमरात ए शरिया बिहार, झारखंड, उड़ीसा के अमीर ए शरियत हजरत वली रहमानी के इंतकाल की खबरें आई। शनिवार की रात अजीब सी बैचेनी में कटी। शाम से देर रात तक जामिया खानकाह रहमानी के समीप सैकड़ों लोेग डटे थे।
देर रात मौलाना वली रहमानी का पार्थिव शरीर पटना से एंबुलेंस में रख कर मुंगेर लाया गया। रविवार की सुबह से लोगों का हुजूम खानकाह की ओर उमड़ने लगा। कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल के जिलों से सैकड़ों गाड़ियों में लोग रात से ही मुंगेर पहुंचने लगे थे। सुबह में गंगा घाट की व्यवस्था चरमरा सी गई। नौका से हजारों लोग गंगा पार कर मुंगेर पहुंचे, तो जल्द से जल्द खानकाह पहुंच कर हजरत का अंतिम दीदार करने की बैचेनी में सैकड़ों लोग पैदल ही गंगा पुल पार कर मुंगेर पहुंच गए। रविवार की सुबह से हर सड़क खानकाह रहमानी की तरफ जाती दिखी। हजरत के अंतिम दीदार की बैचेनी हर आंख में दिख रही थी।
खानकाह रहमानी में लंबी लाइन लगी थी। भीड़ के कारण कई लोग उनका दीदार नहीं कर पा रहे थे। नम आंख, बुदबुदाते ओंठ के साथ लोग दुआ के लिए दोनों हाथ उठा कर लोग कह रहे थे - अल्लाह ताला हजरत को जन्नत में मकाम अदा करें। हजरत वली रहमानी अपनी तकरीर में अक्सर लोगों की सेवा करने की सीख देते थे। जरूरतमंद को भोजन और प्यासे को पानी पिलाने को वे बड़ा सबाव बताते थे। हजरत के अंतिम विदाई के अवसर पर उनकी यह सीख जीवंत होती दिखी। खानकाह रहमानी पथ पर कदम-कदम पर लोग सेवा कार्य में जुटे थे। बाहर से आने वाले अकीदतमंद की सेवा में बच्चे, युवा से लेकर बुजुर्ग तक डटे रहे। कहीं आने वालों को पानी पिलाया जा रहा था, तो कहीं तारबूज, ककड़ी, खीरा दिए जा रहे थे। खानकाह पथ के समीप पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इसके बावजूद मोर्चा स्थानीय युवाओं ने संभाल रखा था। यातायात और भीड़ प्रबंधन को लेकर स्थानीय युवाओं की भूमिका सराहनीय रही।