लोस चुनाव प्रचार के दौरान विवादास्पद बयान देने पर फंसे सिद्धू, अब पुलिस के समक्ष नहीं हो रहे उपस्थित
Election code of conduct पिछले लोकसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू ने बारसोई में कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा में दिए भाषण पर आपत्ति उठाई गई थी।
कटिहार, जेएनएन। पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री सह क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बारसोई की चुनावी सभा में विवादित बयान दिया था। इसकी पूछताछ के लिए कटिहार पुलिस पिछले एक सप्ताह से अमृतसर में कैंप कर रही है। पुलिस को सिद्धू का कोई अता-पता नहीं मिल रहा है।
पुलिस ने अमृतसर स्थित सिद्धू की कोठी की निगहबानी की, लेकिन उनके अमृतसर से बाहर होने की बात बताई गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार एक सप्ताह बाद भी सहयोग नहीं करने की स्थिति में पुलिस सख्ती बरत सकती है। बताया जा रहा है कि पुलिस टीम को अमृतसर में ही कैंप करने को कहा गया है। नवजोत सिंह सिद्घू के नहीं मिलने की स्थिति में पुलिस ने कुर्की-जब्ती वारंट के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। पिछले लोकसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू ने बारसोई में कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की संख्या अधिक होने का हवाला देते हुए अल्पसंख्यक प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। कांग्रेस प्रत्याशी ने भी सिद्धू के बयान से खुद को अलग करते हुए कहा था कि सिद्धू को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था। सभास्थल पर प्रतनियुक्त दंडाधिकारी द्वारा बारसोई थाना में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने चार दिनों के लिए उनके चुनाव-प्रचार पर प्रतिबंध भी लगाया था। कोर्ट का आदेश लेकर पुलिस अमृतसर गई है। दिसंबर में भी पुलिस इस सिलसिले में अमृतसर गई थी, लेकिन सिद्धू नहीं मिले थे।
नवजोत सिंह सिद्धू पर बारसोई थाना में दर्ज मामले को लेकर कटिहार पुलिस एक सप्ताह से अमृतसर में है। पूछताछ के लिए सिद्धू पुलिस के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे हैं। अनुसंधान में सहयोग करने एवं जरूरत पडऩे पर कटिहार न्यायालय में उपस्थित होने की लिखित सहमति उनसे ली जानी है। लॉकडाउन के पूर्व भी पुलिस टीम को भेजा गया था। इसके लिए न्यायालय से भी औपचारिक रूप से अनुमति ली गई थी। पुलिस जांच में सहयोग नहीं करने पर कुर्की-जब्ती वारंट के लिए पुलिस न्यायालय जाएगी। - विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक, कटिहार