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भारत-नेपाल तनाव का सामाजिक संबंधों पर भी असर, खेती-किसानी से लेकर सगे-संबंधियों से मिलने पर पाबंदी

भारत-नेपाल के बीच के हालिया तनाव का असर दोनों देशों पर पड़ा है। सीमावर्ती बिहार के तो नेपाल से ग्रास रूट स्‍तर पर सामाजिक-आर्थिक संबंध रहे हैं। तनाव का इन संबंधों पर असर पड़ा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:11 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 04:00 PM (IST)
भारत-नेपाल तनाव का सामाजिक संबंधों पर भी असर, खेती-किसानी से लेकर सगे-संबंधियों से मिलने पर पाबंदी

किशनगंज, अमितेष। भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंधों पर सियासी तनातनी का असर दिख रहा है। सीमा विवाद से उत्पन्न गतिरोध को लेकर कइयों की रोजी-रोटी भी प्रभावित हो रही है। लॉकडाउन की वजह से विगत ढाई महीने से सीमा पर आवाजाही बंद रही। उधर, नेपाल आर्म्‍ड फोर्स व इधर भारतीय सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवान सख्ती बरत रहे हैं।

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गलगलिया बॉर्डर से दिघलबैंक व टेढ़ागाछ तक सन्नाटा

किशनगंज जिले में लगभग 55 किलोमीटर लंबी नेपाल की खुली सीमा पर नौ ट्रांजिट प्वाइंट हैं, लेकिन आवाजाही बिल्कुल बंद है। हां, दोनों देशों में फंसे लोगों को अपने-अपने देश लौटने की इजाजत दी जा रही है। गलगलिया बॉर्डर से लेकर दिघलबैंक व टेढ़ागाछ तक सीमा पर सन्नाटा पसरा है।

लॉकडाउन पूर्व की खेती, अब नहीं काटने दे रहे फसल

कई भारतीय सीमा के उस पार जाकर बंटाई पर खेती करते हैं। जिन किसानों ने लॉकडाउन से पूर्व खेती की थी, उन्हें फसल काटने तक की इजाजत नहीं मिल रही है। हाल ही में दिघलबैंक के किसानों ने रात के अंधेरे में मक्का काटने की कोशिश की तो नेपाल आर्म्‍ड फोर्स के जवानों के साथ झड़प हो गई।

नेपाल से आवाजाही बंद होने से बाजार भी प्रभावित

नेपाल के झापा, मोरंग व सप्तरी जिले के चंद्रगुड़ी, भद्रपुर, कांकड़भिट्ठा, बनियानी, वीरतामोड़, कचना, शनिचरी, लोधाबाड़ी, गौरीगंज समेत अन्य इलाके के बड़ी संख्या में लोग खरीदारी को भारत आते थे। आवाजाही बंद होने से बाजार पर भी असर पड़ा है।

सीमा पार रहा होने वाली शादियों पर भी पड़ रहा प्रभाव

टेढ़ागाछ के डॉ. सोहनदेव मंडल बताते हैं कि तीन महीने से बेटी-दामाद व नाती से नहीं मिल पाए हैं। मोरंग जिले के सिंघारी व तमासी में उनकी बेटी व दो भतीजियों की शादी है। वे बताते हैं कि यदि यही स्थिति रही तो उस पार रिश्ता करने से परहेज करना होगा।

भारत से जाते जरूरत के सामान, तकलीफ झेल रही जनता

ठाकुरगंज के मेघलाल यादव, मदन राय, गोपाल मंडल व बद्रीनारायण गणेश भी बताते हैं कि तनातनी का असर इलाके में पड़ रहा है। नेपाल में झापा जिले के नगेंद्र श्रेष्ठ, प्रताप विश्वकर्मा, घनश्याम गणेश, नुनूलाल सहनी समेत अन्य लोगों का कहना है उनके यहां तो नून-रोटी से लेकर घर बनाने का सामान तक भारत से ही आता है। अभी काफी तकलीफ झेलनी पड़ रही है।


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