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दुर्गा पूजा : इस बार शहर में अलखतारा, चतुर्भुज और अक्षरधाम की दिखेगी छठा Bhagalpur News

भागलपुर में आयोजित होने वाले दुर्गा पूजा को लेकर हर ओर उत्‍साह का माहौल है। शहर में 68 प्रतिमाएं स्‍थापित हैं। इसके अलावा जिले भर में 200 से ज्‍यादा प्रतिमाएं स्‍थापित होंगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 09:51 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 09:51 AM (IST)
दुर्गा पूजा : इस बार शहर में अलखतारा, चतुर्भुज और अक्षरधाम की दिखेगी छठा Bhagalpur News
दुर्गा पूजा : इस बार शहर में अलखतारा, चतुर्भुज और अक्षरधाम की दिखेगी छठा Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। इस बार भी दुर्गापूजा में पूजा पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा। कलाकार इसे अंतिम रूप देने में लगे हैं। आदमपुर में छत्तीसगढ़ के अलखतारा मंदिर, मारवाड़ी पाठशाला में मेदनीपुर के बौद्ध मंदिर, कचहरी चौक पर गुजरात के अक्षरधाम व बड़ी खंजनपुर में चतुर्भुज मंदिर की तर्ज पर पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं।

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वहीं, शु्क्रवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप की पूजा के साथ ही भक्तों का उत्साह परवान चढऩे लगा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गापूजा का उत्सवी माहौल दिखने लगा है। पूजा पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सुबह-शाम मां के दरबार में महाआरती का आयोजन हो रहा है। हर तरफ देवी गीत, सप्तशती दुर्गा पाठ और भजनों की त्रिवेणी बह रही है। पूजा पंडालों के आसपास मेले को लेकर दुकानें सजने लगीं।

मोहदीनगर में 101 दीपों से की जाती है आरती

मोहदीनगर दुर्गा मंदिर में नवरात्र के दौरान हर दिन 101 दीपों से देवी की महाआरती की जाती है। यह परंपरा पिछले 25 वर्षों से चली आ रही है। इस दौरान देवी गीतों से एक घंटे तक मंदिर प्रागंण गुंजायमान रहता है।

मारवाड़ी पाठशाला में खूब लगता है मेला

मारवाड़ी पाठशाला का पूजा पंडाल हर साल लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग मेले का आनंद लेने आते हैं।

लाजपत पार्क के पास रामलीला देखने दूर-दराज से आते थे लोग

लाजपत पार्क दुर्गा मंदिर में मुख्य आकर्षण रावण दहन और रामलीला का आयोजन होता था। इसे देखने के लिए दूर दराज से लोग आते थे, लेकिन अब वहां रावण दहन और रामलीला का आयोजन नहीं होता है।

चार सौ वर्षों से महाशय ड्योढ़ी में हो रही मां की पूजा

चंपानगर स्थित महाशय ड्योढ़ी में पिछले चार सौ वर्षों मां दुर्गा की पूजा हो रही है। कहा जाता है कि महाशय परिवार ने मंदिर का निर्माण करवाया था। दूर-दराज से लोग देवी का दर्शन करने आते हैं। यहां एक माह तक मेला लगता है। लकड़ी के बने समानों की बिक्री यहां खूब होती है।

कर्णगढ़ का रावण दहन आकर्षण का केंद्र

कर्णगढ़ मैदान में पिछले सवा सौ वर्षों से गोलदारपट्टी रामलीला समिति द्वारा रावण, मेघनाद व कुंभकरण का पुतला दहन किया जाता है। यहां भारी संख्या में श्रद्धालु मेले का आनंद लेने पहुंचते हैं। सातवीं पूजा से दशवीं तक कर्णगढ़ मैदान में रामलीला का मंचन होता है।

सबौर में चार जगह पर स्थापित की जाती है प्रतिमा

सबौर में चार जगहों पर दुर्गापूजा का आयोजन होता है। ब्लॉक चौक त्रिकुटी मंदिर, सबौर बड़ी हाट, छोटी हाट और ब्राह्मण टोला स्थित दुर्गा मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है।


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