Durga Puja 2020 : पूजीं गईं मां कात्यायनी, सातवीं पूजा को खुलेगा मंदिरों और पंडालों का पट
बिहपुर के रेलवे ईंजीनियरींग विभाग के पास दुर्गा मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी परंपरा के अनुसार मां की पूजा अर्चना हो रही है। गुरुवार यानी छठी पूजा को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से बंग्ला ढाक के साथ ढाकिए पहुंच पहुंच गए हैं।
भागलपुर, जेएनएन। शारदीय नवरात्र को लेकर बिहपुर समेत नवगछिया अनुमंडल का शहरी और ग्रामीण इलाका पूरी तरह से मां देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति से सराबोर हो रहा है। बिहपुर के रेलवे ईंजीनियरींग विभाग के पास दुर्गा मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी परंपरा के अनुसार मां की पूजा अर्चना हो रही है। गुरुवार यानी छठी पूजा को पश्चिम बंगाल के कोलकाता से बंग्ला ढाक के साथ ढाकिए पहुंच पहुंच गए हैं।
बिहपुर में माता के इस मंदिर में वर्षों से बंगाली विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर के पुजारी पंडित हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्र के सातवें दिन यानि आज शुक्रवार को माता रानी के मंदिरों का पट खुल जाएगा। सातवीं पूजा को कालरात्री स्वरूप की अराधना होगी। वहीं, गुरुवार को माता के छठे कात्यायनी स्वरूप की पूजा हुई। पंडित हेमंत कुमार शर्मा ने बताया कि महॢष कात्यान ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की थी। इसलिए ये कात्यानी देवी के नाम से प्रसिद्ध हुई। इनकी 18 भुजाएं हैं। ये भक्तों को सदा अपने कर्म करने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस बार शहर के पंडालों में दिख रही सादगी
कोरोना के कहर के कारण इस बार पूजा-पंडालों में सादगी दिख रही है। शहर में मारवाड़ी पाठशाला, खंजरपुर, भीखनपुर, इशाकचक, सिकंदरपुर सहित विभिन्न स्थानों पर भव्य पंडाल का निर्माण कराया जाता है। लेकिन, इस बार इन स्थानों पर पूजा पंडालों में सादगी दिख रही है। मारवाड़ी पाठशाला स्थित पूजा पंडाल सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहता था। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुर्गा पूजा को लेकर लोगों में उत्साह कम है। वहीं, कोरोना के कारण काम-धंधे भी लोगों के ठप हैं। ऐसे में लोग आर्थिक तंगी से भी गुजर रहे हैं। इसका असर भी दिख रहा है। कुल मिलाकर इस बार लोगों में दुर्गा पूजा को लेकर उत्साह कम है। लोग विधि विधान के साथ अपने घरों में पूजा पाठ कर रहे हैं।