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Durga Puja 2020: कोरोना के कहर ने दशहरे के उमंग को किया फीका, यहां हर साल सैकड़ों लोगों को मिलता था रोजगार

इस बार दुर्गा पूजा पर भी कोरोना का असर पड़ा है। सुपौल में हर साल दुर्गा पूजा के मौके पर सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। इससे इन लोगो में निराशा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 01:03 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 01:03 PM (IST)
Durga Puja 2020: कोरोना के कहर ने दशहरे के उमंग को किया फीका, यहां हर साल सैकड़ों लोगों को मिलता था रोजगार
विधानसभा चुनाव और कोरोना के कहर ने इस बार दशहरा के उमंग में ब्रेक लगा दिया है।

सुपौल, जेएनएन। विधानसभा चुनाव और कोरोना के कहर ने इस बार दशहरा के उमंग में ब्रेक लगा दिया है। दशहरा में लगने वाला मेला व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम इसके रंग को और गहरा कर जाता था लेकिन, इस बार दशहरा का रंग फीका कर दिया है। दरअसल मुख्य त्योहार में शामिल इस इलाके की दशहरे की धूम चरम पर होती थी। इस मौके पर विभिन्न राज्यों में कमाने-खाने वाले लोगों का भी घर वापसी बड़ी संख्या में होती थी। पूजा समिति द्वारा मेले की तैयारी पूरे उत्साह के साथ की जाती थी। इस मौके पर मेला के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भव्य रूप से हुआ करता था। पूजा पंडाल से लेकर कई प्रकार की तैयारी की जाती थी परंतु इस बार यह सब देखने को नहीं मिल रहा है। कोरोना और विधानसभा चुनाव ने इस पर्व को फीका कर दिया है। जिसका असर बाजार पर भी दिखाई पड़ रहा है।

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पर्व में सैकड़ों लोगों को मिलता था रोजगार

पर्व को लेकर गांव से लेकर शहर तक में व्यापक रूप से तैयारी की जाती थी मंदिर समेत परिसर में भव्य पंडाल का निर्माण किया जाता था। वहीं मेला को आकर्षक बनाने के लिए आसपास के कई छोटे बड़े व्यापारी मेला में दुकान लगाते थे जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई हो जाती थी। उन्हें रोजगार मिल जाता था इससे हुई कमाई से उनकी दीपावली और छठ पर भी मजे से कट जाता था लेकिन कोरोना के सामने उनका रोजगार तो छीना ही उनके आगामी त्यौहार के उत्साह पर भी विराम लगा दिया है।

कहते हैं व्यापारी

टेंट के व्यवसाय से जुड़े शिव शंकर साह, अनिल कुमार, सुशील कुमार कहते हैं कि दशहरा पर्व में उन लोगों को एकमुश्त कमाई हो जाती थी। एक साथ कम से कम 10 से 15 दिनों का रोजगार मिल जाता था। इससे मजदूरों को ही अच्छी खासी कमाई हो जाती थी। काम का डिमांड अधिक होने के कारण दर भी ज्यादा ही मिल जाता था। परंतु इस बार पूछने वाला तक नहीं है ऐसी ही व्यथा खिलौना मनिहारा मिठाई समेत अन्य चीजों के व्यवसाय से जुड़े लोगों का है। खिलौना व्यवसाय से जुड़े महेंद्र दास, सतीश कुमार, अरविंद चौधरी आदि ने बताया कि जब लॉकडाउन खत्म हो गया तो लगा कि महीनों से ठप पड़ा व्यापार दुर्गा पूजा मेला में परवान चढ़ेगा। इसी आशा में बाहर से सामान की खरीदारी कर ली थी। परंतु अब पता चला है कि प्रशासन द्वारा मेला में अस्थाई दुकान पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है जिससे उन लोगों का रोजगार तो गया। अब व्यापार के साथ-साथ महाजन के लिए उधार की राशि की चिंता उन लोगों को सताए जा रही है। जब कमाई नहीं होगी तो आने वाला पर भी उन लोगों के लिए फीका ही रहेगा।


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