Durga Puja 2020: मां दुर्गे की अराधना में लीन रहे कोसी और सीमांचल के लोग, सुख-समृद्धि की कामना
कोसी और सीमांचल में दशहरा को लेकर संपूर्ण जिले में मां दुर्गा के जयघोष की धूम रही और जिला भक्ति और आस्था से सराबोर रहा। दुर्गा पूजा को लेकर नौ दिनों तक लोगों ने माता की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद मांगा और सुख समृद्धि की कामना की।
सुपौल, जेएनएन। असत्य पर सत्य व अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक स्वरूप मनाया जाने वाला हिन्दुओं का महत्वपूर्ण पर्व दशहरा संपूर्ण जिले में शांतिपूर्ण व हर्षोल्लास मनाया गया। दशहरा को लेकर संपूर्ण जिले में मां दुर्गा के जयघोष की धूम रही और जिला भक्ति और आस्था से सराबोर रहा। दुर्गा पूजा को लेकर नौ दिनों तक लोगों ने माता की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद मांगा और सुख समृद्धि की कामना की।
जिला मुख्यालय स्थित बड़ी दुर्गा स्थान निराला नगर, सार्वजनिक पूजा स्थल गांधी मैदान व रेलवे माल गोदाम स्थित दुर्गा मंदिरों में दशहरा को लेकर पूरी चहल-पहल रही। लोगों ने पूरी निष्ठा व आस्था से माता को नमन किया। सदर प्रखंड क्षेत्र में सुखपुर, परसरमा, बरैल, बरुआरी, लौकहा, वीणा, अमहा सहित ग्रामीण इलाके में उल्लास के साथ विजयादशमी का पर्व मनाया गया। जिला मुख्यालय स्थित बड़ी दुर्गा स्थान में माता की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई थी। यहां बलि प्रदान भी होता है। जबकि मुख्यालय में अन्य स्थानों पर बलि प्रदान की परंपरा नहीं है। सार्वजनिक पूजा स्थल गांधी मैदान में विजयादशमी के दिन होने वाला रावण वध का आयोजन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हो सका। जिससे शहरवासियों में थोड़ी उदासी दिखी। माल गोदाम में भी श्रद्धापूर्वक देवी की पूजा-अर्चना बाद विसर्जन किया गया। पूजा को लेकर इस बार सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया गया था जिसका पूजा समितियों द्वारा काफी हद तक पालन किया गया तथा काफी सतर्कता बरती गई।
मां के जयकारे के साथ प्रतिमा का हुआ विसर्जन
सहरसा। नौहट्टा में मां दुर्गा सहित अन्य प्रतिमाओं का ठाकुर बाड़ी पोखर में विसर्जन के साथ शारदीय नवरात्र का समापन हो गया। प्रतिमा विसर्जन में सरकारी निर्देश का पालन करने की पुजा समिति की कोशिश बेकार चली गई । मंदिर में खोईंछा भरने के लिए सुबह से ही महिलाओं की कतार लगी रही। इस बार पूजा में कोरोना नियमों का पुरी तरह पालन किया गया। जहां भी भीड़ अधिक रही, आयोजक सतर्क दिखे। अंतिम विदाई पर मां के दर्शन को लोग पहुंचते रहे। सुबह शाहीडीह राजेश्वरी मंदिरों में विधिपूर्वक विसर्जन कर अपराह्न में प्रतिमा विसर्जन के लिए कोसी नदी में ले जाया गया। जहां कलश को पूजा के बाद मां के जयकारे के साथ जल में विसॢजत कर दिया गया। विसर्जन के लिए ले जाते समय महिलाएं समदाउन गाते पीछे-पीछे चल रहीं थी। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण दुर्गा पूजा का माहौल फीका रहा। कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ । पूर्व जिला पार्षद अशोक पासवान नवहट्टा पश्चिम के मुखिया बैजनाथ साह एसएस हिमांशु सुनील कुमार समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे ।