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Durga Puja 2020 : दुर्गा मंदिर में पहुंची बोधन कलश, श्रद्धालुओं ने की आरती, पाठ आरंभ

Durga Puja 2020 बांका में दशहरा का रंग चढ़ गया है। शहर के जगतपुर करहरिया और कुनौनी मंदिर में बांग्‍ला रीति-रिवाज से पूजा अर्चना प्रारंभ हुआ। बोधन कलश मंदिर में पहुंचा।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 11:28 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 11:28 AM (IST)
Durga Puja 2020 :  दुर्गा मंदिर में पहुंची बोधन कलश, श्रद्धालुओं ने की आरती, पाठ आरंभ
Durga Puja 2020 : दुर्गा मंदिर में पहुंची बोधन कलश, श्रद्धालुओं ने की आरती, पाठ आरंभ

बांका, जेएनएन। Durga Puja 2020 :   बांग्‍ला रीति से मां दुर्गा की पूजा होने वाले मंदिरों में सोमवार को विधि पूर्वक बोधन कलश का आगमन हुआ। इसके साथ ही जिला भर में दशहरा का रंग चढ़ गया है। शहर के जगतपुर, करहरिया व कुनौनी मंदिर में बंगला रीति-रिवाज से पूजा अर्चना की जाती है। सोमवार को इन मंदिरों में कलश का आगमन हो गया। शुक्रवार को करहरिया दुर्गा मंदिर और जगतपुर दुर्गा मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शहर से बाहर चांदन नदी से जल भरकर बोधन कलश मंदिर में प्रवेश कराया। महिलाओं ने आरती कर कलश का मंदिर प्रवेश कराया। करहरिया व जगतपुर में महिलाओं ने शख व घटे की धुन पर कलश को प्रवेश कराया।

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वहीं अमरपुर के बीरमा चक्रधारणी दुर्गा मंदिर में सोमवार को बोधनवमी कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया। यहां भी बंगला पद्धति से शारदीय दुर्गा पूजा का अनुष्ठान होता है। जिसमें अश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि से ही पूजा अनुष्ठान शुरू हो जाता है। सेवायत इन्द्रजीत झा, मुख्य पुजारी श्रीकांत चौधरी के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ चांदन नदी में कलश में जल भराई अनुष्ठान पूरा किया। वहीं, दुर्गा मंडप में कलश स्थापना के मौके पर कौड़ी लुटाया गया। कौड़ी लूटने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।

बौंसी के देवी कैरी दुर्गा मंदिर और कुशमाहा दुर्गा मंदिर में बोधन कलश आगमन के साथ देवी की पूजा आरंभ हो गई। बोध नवमी कलश का पारंपरिक रूप से कैरी में सुखनियां नदी से तथा कुशमाहा में देवी पोखर से वैदिक अनुसंधान के बीच भरा गया। शंख, घंटा, ढोल, नगाड़ा के बीच कलश के आगमन पर मेड़पति परिवार की महिला सदस्य ने आरती उतारी। जबकि कैरी में धान लुटाने की परंपरा में लोगों ने धान के दाने को लूटकर सिदूरदान, कोठी, बक्सा आदि में रखा। मेढ़पति उगेंद्र दत्ता, महेंद्र दत्ता, पिटू आदि शामिल थे। कुशवाहा मंदिर में मेढ़पतियों में गणेश दत्ता, पूर्व विधायक भोला प्रसाद यादव, ओमप्रकाश दत्ता, चंद्रशेखर दत्ता, विमल दत्ता के साथ अमित कुमार सिन्हा, मनोज यादव, बेचन मंडल आदि थे।


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