'सृजन' ने विकास के साथ रोक दिया था जिप सदस्यों का मानदेय, जानिए ...
सृजन घोटाला उजागर होने से जिले का विकास ठप हो गया था। सृजन में जिला परिषद् की करीब 90 करोड़ की राशि की अवैध निकासी हुई थी। अवैध निकासी के बाद सभी खातों का संचालन बाधित हो गया था।
भागलपुर (राम प्रकाश गुप्ता)। भागलपुर में सृजन घोटाला उजागर होने से जिला परिषद् का विकास ठप हो गया था। 2016 में जिला परिषद् की नई कमेटी अस्तित्व में आई थी। यह कमेटी कोई काम नहीं कर पा रही थी। इसबीच, सरकार ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित जिप सदस्यों का मानदेय भेजा लेकिन एजी की ऑडिट होने तथा खाता संचालन पर लगी रोक के कारण भुगतान नहीं हो सका था। अब जिला परिषद् भी 'सृजन' प्रभाव से बाहर आने लगा है। 2016 में चुनाव जीत कर आए सदस्यों को गत सप्ताह पहली बार एकमुश्त 13 महीने का मानदेय मिला है। शेष 13 महीने (अगस्त 2018) तक का भुगतान दीवाली के पूर्व हो जाएगा। जिला परिषद् का पुनर्गठन 22 जून 2016 को हुआ था।
मालूम हो कि सृजन में जिला परिषद् की करीब 90 करोड़ की राशि की अवैध निकासी हुई थी। अवैध निकासी के बाद सभी खातों का संचालन बाधित हो गया था। वित्त विभाग के परामर्श के बाद गत महीने खातों का संचालन प्रारंभ हुआ। इसबीच, डीडीसी सुनील कुमार ने सभी बीडीअी से सभी प्रखंडों में पंचायत जनप्रतिनिधियों की संख्या और उनके लिए मानेदय की गणना कर प्रतिवेदन देने को कहा है।
मानदेय का निर्धारण
अध्यक्ष-12 हजार प्रति माह
उपाध्यक्ष- 10 हजार प्रति माह
जिप सदस्य- ढाई हजार
मुखिया-ढाई हजार
पंचायत समिति सदस्य-एक हजार
उप मुखिया-1200
प्रमुख-दस हजार
उप प्रमुख-पांच हजार
वार्ड सदस्य-500 रुपये
जुलाई 2017 में आया था आवंटन
गत वर्ष जुलाई माह में मानदेय का आवंटन आया था। लेकिन अगस्त में सृजन घोटाला होने के बाद भुगतान बाधित हो गया। इसकी वजह से पिछले टर्म के सदस्यों का भी आठ महीने का मानदेय अभी भी बकाया है।
जिप अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह ने कहा कि खातों का संचालन प्रारंभ होने के बाद मानदेय भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। सदस्यों के बीच 13 महीने का भुगतान कर दिया गया है। शेष 13 महीने का भी भुगतान एक सप्ताह के अंदर हो जाएगा।