बिहार की लेडी सिंघम को मिलेगा गृह मंत्री पदक, Action On The Spot के लिए जानी जाती हैं भागलपुर SSP निताशा गुड़िया
भागलपुर की एसएसपी निताशा गुड़िया एक्शन ऑन द स्पॉट के लिए जानी जाती हैं। उन्हें लेडी सिंघम भी कहा जाता है। उन्होंने बेतिया SP रहते हुए मुर्दा घोषित खालिद को जिंदा बरामद किया था। ऐसे कई मामले हैं जो निताशा को गृह मंत्री पदक का हकदार बनाते हैं।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। वर्ष 2021 के लिए ‘जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के पदक’ (Union Home Minister’s Medal for Excellence in Investigation) से देश भर के 152 पुलिस कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। इसकी शुरुआत 2018 में की गई थी। इसमें बिहार के सात पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। भागलपुर की एसएसपी निताशा गुड़िया को भी राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे।
भागलपुर की एसएसपी होंगी सम्मानित
2008 बैच की कड़क मिजाज आइपीएस अधिकारी निताशा गुड़िया 'लेडी सिंघम' को 15 अगस्त को बेहतर तफ्तीश के लिए ‘जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के पदक’ से नवाजा जाएगा। भागलपुर की वरीय पुलिस अधीक्षक निताशा गुड़िया को बेतिया एसपी के रूप में वहां के एक चर्चित केस की सूक्ष्म तफ्तीश के लिए पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। बेतिया को तब उन्होंने साम्प्रदायिक हिंसा में जलने से बचा लिया था। 22 अगस्त 2020 को वहां एक व्यक्ति का शव तीन टुकड़े में बरामद किया गया था। तब उस शव की पहचान मुहम्मद खालिद के रूप में उसके स्वजनों ने की थी। शव की पहचान खालिद के रूप में किये जाने के बाद इलाके में तनाव फैल गया था। उस तनाव के बीच विधि-व्यवस्था को कायम रखते हुए निताशा गुड़िया ने धैर्य कायम रखते हुए स्वयं केस की मानिटरिंग करते हुए केस को बहुत ही कम वक्त में मुकाम देते हुए केस की दिशा ही बदल दी थी। यही नहीं बेतिया में फैले तनाव को भी दूर करने में सफलता पाई थी। दरअसल तीन टुकड़ों में बरामद शव खालिद की थी ही नहीं, यह उन्होंने तफ्तीश में साबित करते हुए खालिद को जिंदा दिल्ली से बरामद करते हुए कहानी ही पलट दी थी। तब साम्प्रदायिक तनाव में बेतिया को धकेलने की साजिश रचने में लगे लोगों को शानदार तफ्तीश से मुंह की खानी पड़ी थी।
22 की रात को शव मिला था बेतिया के लालू नगर से, 23 को जिंदा हुई थी दिल्ली से खालिद की बरामदगी
बेतिया के लालूनगर से 22 अगस्त की रात तीन टुकड़े में शव बरामद हुआ था। तब उसके पिता ने उस शव को देख बेटे खालिद के रूप में पहचान की थी। लेकिन सूक्ष्म तफ्तीश को मुकाम देते हुए चंद घंटे बाद 23 अगस्त को दिल्ली से जिंदा खालिद को बरामद किया गया था। मामला भूमि विवाद से जुड़ा था। एसएसपी निताशा गुड़िया पुरस्कार के लिए चयनित होने पर कहा कि टीम वर्क का परिणाम हमेशा बेहतर और सुखद होता। बेहतर पुलिसिंग हमारा लक्ष्य है। कानून व्यवस्था बेहतर होने से ही लोग सुकून से रहेंगे।