कामेश्वर पांडेय हत्याकांड में अब 22 जुलाई को होगी सुनवाई
चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र शर्मा की अदालत में मंगलवार को कामेश्वर पांडेय हत्याकांड में सुनवाई हुई।
भागलपुर। चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र शर्मा की अदालत में मंगलवार को कामेश्वर पांडेय हत्याकांड में सुनवाई हुई। जेल से कड़ी सुरक्षा में आरोपित गोपाल भारती, राजकुमार और रवीश कुमार की पेशी हुई। न्यायालय से आरोपितों ने निजी वकील नियुक्त करने को समय देने की गुहार लगाई।
न्यायालय ने उक्त गुहार पर अपना वकील नियुक्त करने को समय दे दिया है। न्यायाधीश ने 22 जुलाई की तिथि सुनवाई के लिए तय कर दी है। अगली तिथि पर आरोप गठन की कवायद पूरी हो सकती है। न्यायालय में मंगलवार को मुकदमे से संबंधित वाहन मुक्ति अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी। तीनों आरोपितों की तरफ से मुकदमे में पक्ष रखने के लिए डिफेंस पैनल के अधिवक्ता की तैनाती न्यायालय ने पहले ही तय कर रखी है। न्यायालय में सरकार की ओर से एपीपी ओमप्रकाश तिवारी तैनात किये गए हैं। जो मुकदमे में सरकार का पक्ष रखेंगे। पांच मार्च 2020 को हुई थी हत्या
बता दें कि पांच मार्च 2020 को बिहार बार काउंसिल के को-चेयरमेन कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी रेणु झा की हत्या कर दी गई थी। पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई कि हत्या उनका किराएदार गोपाल भारती ने अन्य तीन सहयोगियों की मदद से की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद गोपाल सहयोगियों के साथ नकदी समेत अधिवक्ता की सियाज कार भी लेकर भाग निकला था। हत्या बाद डीआइजी सुजीत कुमार के दिशा-निर्देशन में काम करते हुए पुलिस ने हत्याकांड का उद्भेदन कर लिया। पहली गिरफ्तारी रवीश कुमार की हुई। उसके स्वीकारोक्ति बयान पर पुलिस ने कोलकाता से गोपाल भारती और राजकुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। एक आरोपित गब्बर पासवान अबतक फरार है। पुलिस ने गब्बर को फरार दिखाते हुए शेष आरोपितों पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।