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BNMU: डॉ. आरकेपी रमण बने 25वें कुलपति, इतने महीने से यहां पर खाली था यह पद

डॉ. रमण बीएनएमयू में संकायाध्यक्ष विभागाध्यक्ष परीक्षा नियंत्रक प्रधानाचार्य सहित आधा दर्जन से पदों रहे हैं। उनके मनोनयन से यहां पर विकास कार्यों को गति मिलेगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 08:33 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 08:33 PM (IST)
BNMU:  डॉ. आरकेपी रमण बने 25वें कुलपति, इतने महीने से यहां पर खाली था यह पद
BNMU: डॉ. आरकेपी रमण बने 25वें कुलपति, इतने महीने से यहां पर खाली था यह पद

मधेपुरा, जेएनएन। बीएन मंडल विश्वविद्यालय के नए कुलपति डॉ. आरकेपी रमन होंगे। शनिवार को राजभवन से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। विवि को लगभग चार माह बाद स्थायी कुलपति मिलने जा रहा है। डॉ. अवध किशोर राय के सेवानिवृत्त होने के बाद से यहां पर स्थायी कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई थी।

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डॉ. आरकेपी रमण सोमवार को बीएनएमयू के 25वें कुलपति के रूप में योगदान देंगे। बताया जा रहा कि डॉ. रमण बीएनएमयू में संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक, प्रधानाचार्य सहित आधा दर्जन से पदों रहे हैं। शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ. आरकेपी रमन के कुलपति बनने पर कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद, डॉ. बीएन विवेका, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. नरेश कुमार डॉ. भवानंद झा, डॉ. केपी यादव, डॉ. केएस ओझा, डॉ. माधवेंद्र झा, डॉ. अशोक कुमार अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के संयोजक डॉ. राजीव जोशी व डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने बधाई दी है। साथ ही कुलपति बनाए जाने के लिए राज्यपाल फागू चौहान को साधुवाद दिया।

विकास कार्यों को मिलेगी गति

डॉ. अवध किशोर राय के सेवानिवृत्त होने के बाद से यहां पर विकास कार्यों पर लगभग ब्रेक सा लग गया था। चार माह बाद अब फिर से विवि के विकास कार्यों और शैक्षिणिक गतिविधियों को गति मिलेगी। डॉ. आरकेपी रमण इसी विवि में लंबे समय तक सेवारत हैं। उन्हें यहां की हर तरह की समस्याओं के बारे में जानकारी है। लोगों का मानना है कि उन्हें किसी भी समस्या से अवगत कराने की जरूरत नहीं है। वे खुद ही उन समस्याओं का समाधान कर सकेंगे।

ऑनलाइन पठन-पाठन को दुरुस्त कराना चुनौती

कोरोना काल में ऑनलाइन पठन-पाठन को दुरुस्त कराना डॉ. आरकेपी रमण के सामने बड़ी चुनौती होगी। विवि की ओर से ऑनलाइन क्लास का संचालन तो कराया जा रहा है। साथ ही वेबसाइट व अन्य माध्यमों से ई-कंटेंट भी छात्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन, इसके बाद भी इसमें काफी सुधार की जरूरत है।


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