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योग से कमर, घुटना और जोड़ों के दर्द होगा दूर : डॉ. जॉन

भागलपुर। घुटना दर्द, पीठ दर्द, गर्दन दर्द जैसी बीमारियों का इलाज योग से संभव है। बंगलुरु से आए पद्म

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 06:52 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 06:52 PM (IST)
योग से कमर, घुटना और जोड़ों के दर्द होगा दूर : डॉ. जॉन
योग से कमर, घुटना और जोड़ों के दर्द होगा दूर : डॉ. जॉन

भागलपुर। घुटना दर्द, पीठ दर्द, गर्दन दर्द जैसी बीमारियों का इलाज योग से संभव है। बंगलुरु से आए पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. जॉन इबनाजोर ने मेडिकल कॉलेज में आयोजित हड्डी रोग विशेषज्ञों के कार्यशाला में यह बात कही। डॉ. जॉन योगा ऑर्थाेपेडिक पर पीएचडी भी कर चुके हैं और तकरीबन पुस्तकें मेडिकल छात्रों के अलावा आम लोगों के लिए भी लिख चुके हैं। साथ ही इनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

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उन्होंने कहा कि सिगरेट पीने, शराब का सेवन और मोटापा से हड्डियों में रक्त संचार में रुकावट पैदा होने लगती है। इस कारण से हड्डियां घिसने लगती हैं, कार्टिलेज भी प्रभावित होता है। अगर ध्यान नहीं दिया जाय तो घुटना बदलने की नौबत आ जाती है। योग द्वारा इन बीमारियों को दूर किया जा सकता है। इसका साइड इफैक्ट भी नहीं होता। ज्यादा देर खड़ा रहने और चलने पर भी मांसपेशियों में तनाव होने से दर्द होने लगता है। इन बीमारियों को मार्डन ऑर्थोपेडिक योग से दूर किया जा सकता है। प्रतिदिन व्यायाम करने, टहलने से बीमारी से मुक्ति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि मोटापा कम करें और नशा का सेवन नहीं करें। भोजन में हरी सब्जियों की मात्रा ज्यादा रहे। नमक कम खाएं इससे रक्तचाप भी नहीं होगा।

60 फीसद महिलाएं हड्डी रोग से पीड़ित : डॉ. चंद्र शेखर

दिल्ली एम्स के डॉ. चंद्र शेखर यादव ने कहा कि कार्टिलेज के घिस जाने से हड्डियां आपस में टकराने लगती हैं। इससे दर्द होने लगता है। ऐसा ज्यादा दिनों तक होने की वजह से ऑपरेशन की जरूरत होती है। जोडों में दर्द होने लगता है। 60 फीसद महिलाएं इस बीमारी की शिकार हैं। वजह है ज्यादा देर तक खड़ा रहना और मोटापा है। इससे मांसपेशियों में तनाव होने लगता है। सीढि़यों पर चढ़ने और चलने में जोड़ों में दर्द होना इसका लक्षण है। अत: जिनका वजन 65 किलो है उन्हें सचेत हो जाना चाहिए और वजन घटाना चाहिए।

चोट से कंधा होता है प्रभावित : डॉ. महेश्वरी

खिलाड़ियों को अक्सर चोट लगने से कंधा और गर्दन प्रभावित हो जाता है। एमआरआइ से बीमारी की जानकारी होती है और दूरबीन की सहायता से बीमारी का इलाज किया जाता है। सोने में परेशानी और स्नान करने में परेशानी होती है। हाथ उठाने में भी दर्द होता है।

अब युवाओं में होने लगी कैल्शियम की कमी : डॉ. टी रजा

घरों में ही मोबाइल, कंम्प्यूटर पर खेलने वाले युवाओं में कैल्शियम की कमी होने लगी है। जबलपुर के डॉ. एचकेटी रजा ने कहा कि 30 फीसद युवाओं में कैल्शियम की कमी है। क्योंकि वे बाहर नहीं खेलते अत: धूप नहीं मिलने पर उनकी हड्डी कमजोर हो रही है। यही स्थिति महिलाओं की भी है। ऊंचे भवन निर्माण की वजह से, आंगन का प्रावधान समाप्त होने से धूप नहीं मिलती। इससे कैल्शियम की कमी हो रही है। दूध पीने से कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा सुबह की धूप सेंकने से भी कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है।


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