जिउतिया व्रत की तिथि को लेकर संशय... कुछ आज कर रहीं नहाय खाय तो कुछ कल करेंगी Bhagalpur News
जिउतिया तिथि में संशय होने के कारण कुछ व्रती आज तो कुछ कल नहाय खाय व्रत करेंगी। शुक्रवार को सुबह व्रतियों ने गंगा स्नान किया।
भागलपुर [जेएनएन]। पुत्र की लंबी आयु के महत्वपूर्ण माना जाने वाला दो दिवसीय त्योहार शुक्रवार को नहाय खाय के साथ प्रारंभ हो गया। हालांकि कुछ व्रती शनिवार को नहाय खाय करेंगी।
इसको लेकर सुबह से ही गंगा तट पर आस्था की डुबकियां लगाने व्रती महिलाओं की भीड़ लगी रही। स्नान के बात लोग गंगा जल भरकर घर ले गए। वहां व्रती सहित परिवार के लिए कई तरह की सब्जियों के साथ लजीज भोजन तैयार किया गया। व्रतियों ने भोजन की।
तिथि में संशय होने के कारण व्रती दुविधा में भी रहे। लेकिन अपने गुरु और पंडितों से राय ने उनके बताए हुए तिथि पर महिलाओं ने जिउतिया व्रत करेंगी।
शनिवार को निर्जला उपवास रख कर अपने पुत्र की सलामती की ईश्वर से आराधना करेंगी। जिउतिया को लेकर हर घरों में उत्सवी माहौल बना हुआ है। महिलाएं नहाय खाय के बाद से दिनभर व्रत की तैयारी में जुटी हुई हैं। व्रत को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल है। पूजन सामग्रियों की खरीदारी को लेकर हर चौक चौराहों पर भीड़ लगी हुई है। बाजार में लोग नोनी का साग, झिंगनी, कंदा, कोहड़ा, मकई का बाल, खीरा समेत अन्य फलों की खरीदारी करती दिखी।
गोवरांय निवासी पौराणिक कथा व्यास आनन्दमूर्ति आलोक जी महाराज ने कहा कि शनिवार 21 सितंबर को नहाय खाय है। इसी दिन अपराह्न 3:43 बजे अष्टमी प्रवेश कर रहा है। इसलिए व्रती 21 सितंबर शनिवार को अपराह्न 3:43 बजे से 23 सितंबर सोमवार को सुबह तक निर्जला उपवास करेंगी। जिउतिया अर्थात जीवित पुत्रिका व्रत अपने संतान के सुंदर, सफल, सार्थक और समृद्ध जीवन की कामना के लिए माताएं करतीं हैं।
बूढ़ानाथ के पंडित सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि मिथिला और दरभंगा विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार व्रती महिलाएं 20 सितंबर शु्क्रवार को नहाय-खाय के साथ 21 को निर्जला व्रत पर रहेंगी। 22 को दोपहर बाद तीन बजे पारण करेंगी। इस पचांग के अनुसार व्रतियों का यह पर्व 33 घंटे का होगा।
वही, बनारस पंचांग के अनुसार अष्टमी का प्रवेश शनिवार यानि 21 सितंबर को अपराह्न 3:43 बजे से है। इस बाबत 22 सितंबर रविवार को अष्टमी के साथ उदय हो रहा है। व्रती महिलाएं इस पंचांग के अनुसार 22 को सुबह से जिउतिया का निर्जला व्रत रखेंगी। व्रती 23 को सूर्योदय के साथ ही पारण कर सकेंगी। इस पंचांग के अनुसार 22 सितंबर को व्रत रखने वालों के लिए इस पर्व की अवधि 24 घंटे की होगी।
पंडित चंद्रशेखर झा के अनुसार 21 और 22 दोनों तिथि जिउतिया के लिए शुभ है।