JLNMCH : चिकित्सक आएं या नहीं आएं, अस्पताल प्रशासन को नहीं है कोई मतलब, कोरोना संक्रमित का भी इलाज नहीं
JLNMCH भागलपुर सहित असपास के जिलों से यहां मरीज आते हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन चिकित्सा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सक नदारद स्वजन परेशान। पूर्णिया से आई कोरोना संक्रमित प्रसूता को घंटों बाद किया गया भर्ती।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में अब पहले जैसी स्थित नहीं रही। चिकित्सक आएं या नहीं आएं, अस्पताल प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं रह गया है। रविवार को पूर्णिया से आई कोरोना संक्रमित जब आइसोलेशन वार्ड (कोरोना वार्ड) में गई तो वहां चिकित्सक नदारद थे। उसे भर्ती होने में दो घंटे लग गए। इस बीच स्वजन काफी परेशान रहे।
पूर्णिया जिले के रुपौली निवासी 30 वर्षीय महिला का सिजेरियन निजी अस्पताल में किया गया। कोरोना जांच में वह संक्रमित मिली। बेहतर इलाज के लिए उसे जेएलएनएमसीएच भेजा गया। करीब तीन बजे महिला को एंबुलेंस लेकर आया और सीधे कोरोना वार्ड लेकर चला गया। वहां जिस चिकित्सक की ड्यूटी थी वह अनुपस्थित थे। स्वजन कभी गायनी तो कभी कोरोना वार्ड का चक्कर लगाते रहे। जब कही जवाबदेह स्वास्थ्य कर्मचारी और चिकित्सक नहीं मिले तो स्वजन मरीज को इमरजेंसी लेकर आए और ट्राली पर लिटा दिया। इसकी जानकारी स्वास्थ्य प्रबंधक रौशन को मिली। तो उन्होंने इमरजेंसी में भर्ती कराया। फिर कोरोना संक्रमित महिला को कोरोना वार्ड भेज दिया गया। आए दिन मरीजों को ऐसी ही परेशानी अस्पताल में झेलनी पड़ रही है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक भगत ने कहा चिकित्सक के अनुपस्थित होने की जानकारी मुझे नहीं दी गई है।
ट्रॉली मैन की फौज, स्वजन खींचते हैं ट्राली
अस्पताल में ट्राली मैन की फौज है। लेकिन प्रतिदिन कोई ना कोई स्वजन मिल जाएंगे जो मरीज को खुद ट्राली या गोद में उठाकर इमरजेंसी से इनडोर या इमरजेंसी ले जाते हैं। रविवार को भी गोड्डा के 60 वर्षीय बुजुर्ग को स्वजन इमरजेंसी से रेडियोलॉजी विभाग ले गए। दूसरी तरफ इनडोर विभाग में जब मरीजों को इमरजेंसी या रेडियोलॉजी विभाग लाना पड़ता है तो ट्रॉली मैन खेजने से भी नहीं मिलते। अक्सर स्वजन खुद मरीज को लाते हैं।
लगातार नहीं आ रहे चिकित्सक
भागलपुर में चिकित्सक के नहीं आने का सिलसिला जारी रहता है। इस दौरान लगातार कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन डॉक्टर लापरवाही बरत रहे हैं।