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Doctors day: भागलपुर में कोरोना मरीजों के इलाज में आयुष और जूनियर डॉक्टरों पेश की मिशाल

Doctors day आज चिकित्‍सकों के लिए खास दिन है। इस दौरान कोरोना काल में लगातार चिकित्‍सक मरीजों की सेवा कर रहे हैं। यहां तक कि कई चिकित्‍सकों ने लोगों के लिए उपचार के अलावा भी कई सामाजिक कार्य किया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 01:31 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 01:31 PM (IST)
Doctors day: भागलपुर में कोरोना मरीजों के इलाज में आयुष और जूनियर डॉक्टरों पेश की मिशाल
कोरोना काल में चिकित्‍सकों की भूमिका ही लगातार सराहना हो रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Doctors day: कोरोना के मरीजों के इलाज में डॉक्टर ने खुद की परवाह भी नहीं की। इस दौरान कई चिकित्‍सक कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। लेकिन स्वस्थ होने के बाद फिर मरीजों के इलाज में लग गए। सदर अस्पताल और टीटीसी केंद्र में भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज आयुष डॉक्टर के भरोसे ही रहा। आयुष चिकित्सकों ने हिम्मत नहीं हारी। कोरोना की दूसरी लहर लोगों को डराने वाली थी। 24 अप्रैल से सदर अस्पताल और टीटीसी को कोविड सेंटर बनाया गया। तीनों पालियों में आयुष डॉक्टरों की ही ड्यूटी दी गई। अभी भी उन्हीं के जिम्मे मरीजों का इलाज है।

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24 अप्रैल से अभी तक 282 कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया, 169 मरीज स्वस्थ हुए, दो की मौत हुई। अन्य मरीजों या तो रेफर किए गए या होम आइसोलेशन में गए। डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा जब कोविड सेंटर बनाया गया तो करीब दो सप्ताह तक एक डॉक्टर, एक एएनएम और एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की ही ड्यूटी मिली थी। कई डॉक्टर और कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आए। वहीं मायागंज अस्पताल में दोपहर के बाद पीजी छात्रों के जिम्मे ही रहा कोरोना मरीजों का इलाज। सुबह की पाली में वरीय डॉक्टर राउंड लगाया करते थे, साथ में पीजी डॉक्टर भी रहते। दोपहर के बाद जूनियर डॉक्टर और पीजी छात्र ही मरीजों को संभाला। ज्यादातर पीजी छात्र भी कोरोना पॉजेटिव हुए।

बच्चों को तनावमुक्त के लिए डॉ. दंपत्ति करवा रहे साइकिलिंग

कोरोनाकाल में बच्चे तनाव से मुक्त और स्वस्थ रहे, इसके लिए डॉक्टर दंपत्ति आस्था राइडर क्लब बनाकर सुबह पांच बजे बच्चों के साथ सायकिल से 10 किलोमीटर की सैर पर निकल जाते हैं। डॉ. ओवेद अली और उनकी पत्नी डॉ. वर्षा सिन्हा ने कहा कि लगातार कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चे घरों में कैद हो गए। उन्हें तनावमुक्त और स्वस्थ रखने के लिए डेढ़ माह पहले आस्था राइडर्स कल्ब का गठन कर किया गया। प्रतिदिन सुबह पांच बजे बच्चों के साथ सायकिल से 10 किलोमीटर की सैर की जाती है। टीम में बच्चों के अलावा वयस्क भी शामिल हैं।

डॉक्टर दंपत्ति ने गांव में लगाई बोरिंग

डॉ. वसुंधरा लाल और डॉ बिहारी लाल ने बैजानी पंचायत के मुखरिया गांव में अपने खर्च पर बोरिंग का निर्माण करवाया। तकरीबन तीन हजार की आबादी को पेयजल की समस्या नहीं रही। डॉ. लाल ने कहा कि गांव में एक-दो चापाकल थे। पेयजल की किल्लत थी। डॉ. बिहारी लाल ने कहा कि बड़े भाई डॉ. रामचंद्र प्रसाद साह ने लोगों की मदद करते रहे। उन्हीं से प्रेरित होकर गोव के मध्य में स्कूल में नलकूप 2015 में लगवाया था। अभी भी नलकूप से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए थे।

डॉक्टर्स डे पर रक्तदान आज

आइएमए द्वारा डॉक्टरर्स डे पर रक्तदान शिविर का आयोजन मायागंज अस्पताल के बल्ड बैंक में किया गया है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. संदीप लाल और सचिव डॉ. वसुंधरा लाल ने कहा कि रक्तदान में मेडिकल छात्रों के अलावा अन्य डॉक्टर भी शामिल रहेंगे। इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए आइएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ भी बैठक होगी।


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